
भोपाल। मध्य प्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उज्जैन महाकुंभ हैकाथॉन-2025 का दो दिवसीय ग्रैंड फिनाले आज (बुधवार) से भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) भोपाल में शुरू होने जा रहा है। यह पहल विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन सिंहस्थ 2028 के प्रबंधन को तकनीकी नवाचार के माध्यम से परिभाषित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने बताया कि “उज्जैन महाकुंभ हैकाथॉन केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि वास्तविक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए देश के प्रतिभाशाली नवप्रवर्तकों को एकजुट करने का एक मिशन है। सिंहस्थ 2028 में लाखों तीर्थयात्रियों की उपस्थिति की संभावना के दृष्टिगत हमारा लक्ष्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से उनकी सुरक्षा, दक्षता और समृद्ध अनुभव सुनिश्चित करना है। यह हैकाथॉन नवाचार के साथ परंपरा को सशक्त बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक समाधान विकसित करने का एक अनूठा अवसर है।
उन्होंने कहा कि सिंहस्थ ऐसा प्रमुख आध्यात्मिक आयोजन है, जो लाखों श्रृद्धालुओं, साधु-संतों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस विशाल आयोजन की जटिल रसद, अवसंरचना और सांस्कृतिक चुनौतियों के समाधान के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन महाकुंभ हैकाथॉन-2025 की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य डेवलपर्स, शोधकर्ताओं, उद्यमियों और छात्रों की प्रतिभा को एकजुट कर प्रौद्योगिकी आधारित समाधान विकसित करना है, जो तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और समृद्ध अनुभव सुनिश्चित करे। यह आयोजन मध्य प्रदेश की परंपरा को नवाचार के साथ जोड़ने और सामाजिक कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
अपर मुख्य सचिव दुबे ने बताया कि जून 2025 में शुरू हुए इस हैकाथॉन को देश भर से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, उड़ीसा, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों से कुल 1,726 पंजीकरण प्राप्त हुए, जिनमें उद्योग जगत से 92, स्टार्टअप्स से 303 और शिक्षा क्षेत्र से 1,300 से अधिक प्रविष्टियाँ शामिल हैं। क्रमिक मूल्यांकन के बाद 932 में से 240 प्रोटोटाइप विकसित किए गए और 36 उत्कृष्ट टीम ग्रैंड फिनाले के लिए चुनी गईं।
आईआईएसईआर भोपाल में आज से शुरू हो रहे दो दिवसीय ग्रैंड फिनाले में ये 36 टीम अकादमिक, सरकारी और उद्योग विशेषज्ञों की प्रतिष्ठित जूरी के समक्ष अपने कार्यशील प्रोटोटाइप प्रस्तुत करेंगी। ये समाधान चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित हैं जिसमें स्मार्ट मोबिलिटी और एक्सेस मैनेजमेंट, सुरक्षा, निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया, स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन तथा डिजिटल अनुभव और सांस्कृतिक विसर्जन शामिल हैं। आयोजन के समापन पर शीर्ष तीन विजेता टीमों को क्रमशः आठ लाख, पांच लाख और तीन लाख रुपये के नकद पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
एसीएस दुबे ने कहा कि उज्जैन महाकुंभ हैकाथॉन-2025 मध्य प्रदेश की प्रौद्योगिकी आधारित विकास को गति देने की अग्रणी भावना का प्रमाण है। यह आयोजन युवाओं, उद्यमियों और शैक्षणिक संस्थानों को एक साझा मंच पर लाकर सहयोगात्मक नवाचार का मॉडल प्रस्तुत करता है। यह न केवल सिंहस्थ 2028 की तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य के वैश्विक आयोजनों के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार करेगा। यह पहल प्रतिभा को प्रोत्साहित करने, समस्या-समाधान को बढ़ावा देने और डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
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