वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को टोंक दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया। जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) कार्यालय पहुंचने पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान पायलट ने टोंक से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की और 'वोट छोड़ो, गद्दी छोड़ो' का नारा लगाकर भाजपा पर सीधा हमला बोला।
पार्टी को मजबूत करने का संकल्प दोहराया
सभा में सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे, जहां पायलट ने पार्टी को मजबूत करने और जनता की आवाज उठाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने वोट चोरी के सबूत देश के सामने पेश किए थे, लेकिन चुनाव आयोग ने जांच कराने की बजाय हलफनामा मांगकर मामले को टालने की कोशिश की। उन्होंने बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मतदाता सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
मुआवजे के मुद्दे पर सरकार को घेरा
पायलट ने झालावाड़ में मुआवजे के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जब मासूम बच्चों की जान जा रही है, तो जिम्मेदारी तय होनी ही चाहिए। कर्मचारी हो या अधिकारी, किसी न किसी को तो जवाबदेह होना ही होगा। सरकार को नुकसान के आधार पर प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।
नरेश मीणा के आंदोलन का समर्थन किया
नरेश मीणा के आंदोलन का समर्थन करते हुए पायलट ने कहा कि जहाँ भी जनता के साथ अन्याय होगा, कांग्रेस जनता के साथ खड़ी रहेगी। विधानसभा में अतिरिक्त कैमरे लगाने के मामले पर उन्होंने कहा कि इसकी गहन जाँच होनी चाहिए। सरकार विपक्ष की जासूसी करवा रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों का पूर्ण उल्लंघन है।
बिहार पर क्या बोल रहे हैं?
बिहार की राजनीति पर बोलते हुए पायलट ने कहा कि पिछले दस सालों से डबल इंजन की सरकार है, लेकिन जनता में गहरा असंतोष है। सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। पायलट के टोंक दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के नारे भी लगाए। इस पर उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राहुल गांधी को मज़बूत करना है, क्योंकि संगठन से ही सरकार बनती है।
भाजपा पर तीखा हमला
भाजपा सरकार पर तीखा पलटवार करते हुए पायलट ने कहा कि चाहे राहत शिविरों की बात हो, मुआवज़े का मुद्दा हो, बिजली बिलों का मामला हो या आपदा प्रबंधन का - हर जगह सरकार का झूठ उजागर हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले ढाई साल में हुए सारे काम कांग्रेस की योजनाओं के थे, जिन्हें सिर्फ़ नाम बदलकर पेश किया गया।
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