गुजरात के अहमदाबाद के पूर्वी इलाके में एक बिल्डर की हत्या के मामले में पुलिस ने राजस्थान के सिरोही से एक नाबालिग समेत 3 शूटरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस 100 से ज़्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद आरोपियों तक पहुँची। जाँच में पता चला कि पूर्व बिज़नेस पार्टनर ने 50 हज़ार रुपये की सुपारी देकर हत्या करवाई थी। पुलिस ने बताया कि 13 सितंबर की रात को पाटीदार समुदाय के नेता और बिल्डर हिम्मतभाई का शव विराटनगर ब्रिज के नीचे उनकी कार से बरामद हुआ था। जाँच में पता चला कि आरोपियों ने धारदार हथियार से वारदात को अंजाम दिया था।
हिमतभाई के बेटे धवल ने बताया कि उनके पिता का फोन 13 सितंबर की दोपहर 3 बजे से बंद था। शाम 7.30 बजे तक कोई संपर्क नहीं होने पर परिवार ने तलाश शुरू की। रात 9 बजे विराटनगर चार रास्ता के पास उनकी कार मिली। कार में खून से सना एक रूमाल पड़ा था। खून से सना रूमाल देखकर परिवार ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम ने कार की डिक्की खोली तो अंदर हिम्मतभाई का शव मिला।
100 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पकड़े गए आरोपी
ओधव पुलिस स्टेशन ने मामले की जाँच शुरू की और 100 से ज़्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज से पता चला कि आरोपी कार को पुल के नीचे छोड़कर बाइक पर भाग गए थे। पुलिस टीम को बाइक का मालिक मिल गया, जिसने बताया कि उसने बाइक अपने दोस्त को दे दी थी। तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस को पता चला कि आरोपी अमीरगढ़ सीमा पार करके राजस्थान में घुस आए हैं। सूचना मिलते ही एक टीम भेजी गई और बनासकांठा एसपी को भी सूचित किया गया। स्थानीय पुलिस की मदद से रविवार शाम सिरोही के पास तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया।
हत्यारे जावल गाँव के निकले, एक हिरासत में
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सिरोही के जावल निवासी के रूप में हुई। पूछताछ के बाद पुलिस ने राहुल और पप्पू को गिरफ्तार कर लिया। एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया है। शुरुआती पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने सुपारी लेकर हिम्मतभाई की हत्या की थी।
करोड़ों की ज़मीन है विवाद की जड़
बताया जा रहा है कि विवाद की जड़ निकोल स्थित 3 करोड़ रुपये की ज़मीन को लेकर है। इसी को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। धवल रुदानी ने मनसुख के बेटे किंजल लखानी के खिलाफ सीआईडी क्राइम ब्रांच में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोप है कि किंजल ने हिम्मतभाई के लेटरहेड का दुरुपयोग करके बैंक से डेढ़ करोड़ रुपये निकाले और कई दुकानें अवैध रूप से बेचीं। इसी रंजिश के चलते मनसुख लखानी ने हिम्मतभाई को खत्म करने की ठान ली और अपने पूर्व गार्ड राहुल राठौड़ को 50 हज़ार रुपये की सुपारी देकर यह हत्या करवाई।
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