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डॉक्टर्स की टीम से लेकर फायरब्रिगेड तक, जानिए भारत सरकार ने सीमा पर तैनात जवानों के लिए क्या कुछ किए इंतजाम

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भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के मद्देनजर राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर और मजबूत किया गया है। इसके तहत राजस्थान सरकार ने बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर और बीकानेर समेत सीमावर्ती जिलों में 336 सीनियर रेजीडेंट (एसआर) तैनात किए हैं। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सीमावर्ती इलाकों में चिकित्सा सेवाओं से जुड़ी अन्य तैयारियां भी कर ली गई हैं। दमकल गाड़ियों का पूरा बेड़ा भी तैयार कर लिया गया है। इसके लिए राज्य के अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में दमकल गाड़ियां सीमावर्ती इलाकों में बुलाई गई हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सीमावर्ती इलाकों और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को और मजबूत किया है। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने विभागीय बैठकें कर इसके लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। सीमावर्ती जिलों में चिकित्सा संस्थानों के लिए व्यापक आपदा प्रबंधन कार्ययोजना लागू की गई है।

प्रशासनिक नियंत्रण केन्द्रों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने बताया कि जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, गंगानगर और हनुमानगढ़ के सीमावर्ती अस्पतालों में 336 सीनियर रेजीडेंट (एसआर) की तैनाती के आदेश जारी किए गए हैं। तैनाती मैट्रिक्स को संबंधित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ साझा किया गया है। इसमें उन्हें प्रशासनिक नियंत्रण केन्द्रों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। कॉलेज प्रशासन द्वारा लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था की जाएगी।

पर्याप्त आपातकालीन निधि उपलब्ध
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों के छात्रावासों में चिकित्साकर्मियों के रहने और खाने की व्यवस्था की गई है। आवश्यकता पड़ने पर कमरे साझा करने की अनुमति दी गई है। तत्काल जरूरतों के लिए आपातकालीन निधि उपलब्ध है। नोडल अधिकारी इसका पालन करेंगे।

ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाओं की पुख्ता व्यवस्था की गई है

सीमावर्ती क्षेत्रों के अस्पतालों को आईसीयू सहित अन्य स्थानों पर चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। इनमें ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखना शामिल है। इन तैयारियों और स्थितियों की नियमित समीक्षा की जाएगी। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।

छुट्टियां रद्द, नियंत्रण कक्ष स्थापित
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि आपदा प्रबंधन के मद्देनजर सभी चिकित्साकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। संवेदनशील जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर, गंगानगर और फलौदी जिलों में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों की छुट्टियां भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। किसी भी परिस्थिति में कोई अपवाद नहीं होगा और डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में आपातकालीन नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।

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