केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद युद्ध जैसे हालात से बचने के लिए राजस्थान के 28 शहरों में कल (7 मई) मॉक ड्रिल की जाएगी। इन शहरों में रात को सायरन बजेगा और ब्लैकआउट भी रहेगा। हालांकि मॉक ड्रिल का समय अभी तय नहीं है। सिविल डिफेंस की टीमों ने मंगलवार से इस अभ्यास की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस तरह की तैयारियां आखिरी बार वर्ष 1971 में देखने को मिली थीं।
जिला कलेक्टर और एसपी से साझा की जाएगी जानकारी
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को जयपुर में बैठक होने जा रही है। इसमें मॉक ड्रिल से जुड़ी सभी जानकारियां जिला कलेक्टर और एसपी से साझा की जाएंगी। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बैठक से पहले बुनियादी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
अलग-अलग समय पर ड्रिल की जाएगी
इस दौरान बताया जाएगा कि हमला होने पर क्या करना है। सिटी कंट्रोल से हूटर बजाया जाएगा।
इसके बाद सभी लोगों को अपने घर की सभी लाइटें और मोबाइल की टॉर्च बंद करनी होंगी। वहीं, रोड लाइट, हाई मास्ट लाइट, एनएचएआई और स्टेट हाईवे पर लगी लाइट, टोल पर लगी लाइट भी बंद रहेंगी।
ड्रिल के दौरान लोगों को यह जानकारी देनी होगी कि वे एक-दूसरे की किस तरह से मदद कर सकते हैं।
अगर कोई व्यक्ति घायल हो जाता है तो उसे उस समय किस तरह से उपचार मिल सकता है।
ड्रिल का आधिकारिक समय नहीं बताया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि सभी शहरों में समय अलग-अलग रहेगा।
यह ड्रिल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद की जा रही है
1962 में चीन से युद्ध, 1965 और 1971 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान इस तरह की ड्रिल की गई थी। पूरे देश में 1971 के बाद यह ड्रिल पहली बार की जा रही है। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के लोगों का कहना है कि वे वर्ष 1971 के बाद पहली बार इस तरह की ड्रिल देख रहे हैं।
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