भारत के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को लेकर एक दिलचस्प किस्सा सामने आया है, जिसे सुनकर उनके फैंस जरूर चौंक जाएंगे। भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर. श्रीधर ने धोनी की ट्रेनिंग रूटीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। यह खुलासा बताता है कि धोनी किस तरह से अपने अंदाज में बाकी खिलाड़ियों से बिल्कुल अलग नजर आते थे। उनकी यह आदत आज भी क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन सकती है।
महेंद्र सिंह धोनी का नाम आते ही दिमाग में सिर्फ कप्तान कूल ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे स्मार्ट विकेटकीपर की भी छवि सामने आ जाती है। बिजली जैसी तेजी से स्टंपिंग करना हो या फिर नामुमकिन लगने वाला कैच पकड़ना, धोनी हर बार सबको हैरान कर देते थे।
हाल ही में टीम इंडिया के पूर्व फील्डिंग कोच रामकृष्णन श्रीधर ने एक दिलचस्प खुलासा किया। उन्होंने Cricket.com से बातचीत के दौरान बताया कि धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में लगभग 8-9 साल खेलने के बाद विकेटकीपिंग की रेगुलर प्रैक्टिस करना ही छोड़ दी थी। शुरुआती दिनों में उन्होंने बहुत मेहनत की, लेकिन जैसे ही तीनों फॉर्मेट खेलने का दबाव बढ़ा, उन्होंने अपने वर्कलोड को मैनेज करने के लिए प्रैक्टिस कम कर दी।
श्रीधर ने कहा कि धोनी को पता था उनकी उंगलियों पर कितना लोड पड़ता है। रोज़ाना विकेटकीपिंग प्रैक्टिस करने से चोट लगने का खतरा बढ़ जाता। इसलिए धोनी ने स्मार्ट तरीके से सिर्फ छोटे-छोटे रिएक्शन ड्रिल्स किए, जिससे उनकी रिफ्लेक्सेज हमेशा शार्प बनी रहीं।
Also Read: LIVE Cricket Scoreआज भी धोनी के नाम 829 इंटरनेशनल डिसमिसल्स दर्ज हैं, जिनमें 195 स्टंपिंग्स का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी शामिल है। खास बात यह है कि 44 साल की उम्र में भी वो IPL में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए विकेटों के पीछे उतने ही चुस्त नजर आते हैं।
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