भारत की जानी-मानी उर्वरक कंपनी चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड को टैक्स विभाग से बड़ा झटका लगा है. कंपनी पर 527 करोड़ रुपये की भारी-भरकम जीएसटी पेनल्टी लगाई गई है. यह आदेश 26 सितंबर 2025 को पटना-1 के CGST और सेंट्रल एक्साइज के ज्वाइंट कमिश्नर की ओर से जारी किया गया.
पेनल्टी क्यों लगी?टैक्स अधिकारियों का आरोप है कि चंबल फर्टिलाइजर्स ने साल 2018-19 से 2022-23 के बीच इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत लाभ लिया और फर्टिलाइजर सब्सिडी पर जीएसटी नियमों का पालन नहीं किया.
विवाद की मुख्य वजह ये है कि क्या उर्वरक पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी को टैक्सेबल सप्लाई की श्रेणी में गिना जाए या नहीं. टैक्स विभाग का मानना है कि कंपनी को इस पर जीएसटी चुकाना चाहिए था.
लेकिन चंबल फर्टिलाइजर्स का कहना है कि सेंट्रल जीएसटी अधिनियम की धारा 15(2)(e) के तहत सब्सिडी टैक्सेबल नहीं है, इसलिए उन पर पेनल्टी लगाना गलत है.
कंपनी का बयानकंपनी ने साफ किया है कि इस आदेश से उसके बिजनेस ऑपरेशंस और वित्तीय स्थिति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, सिवाय पेनल्टी राशि के. चंबल फर्टिलाइजर्स ने दावा किया है कि उसके पास इस आदेश को चुनौती देने के लिए मजबूत कानूनी आधार है. कंपनी इस मामले को अपीलीय मंच पर लेकर जाएगी.
कंपनी का कहना है कि उर्वरक सब्सिडी हमेशा से टैक्स फ्री मानी जाती रही है और इस पर जीएसटी लगाने का कोई तर्क नहीं है. उनका विश्वास है कि अपील में उन्हें राहत मिलेगी.
कंपनी का इतिहासचंबल फर्टिलाइजर्स की स्थापना साल 1985 में हुई थी. इसका मुख्यालय कोटा, राजस्थान में है. कंपनी भारत की अग्रणी उर्वरक कंपनियों में गिनी जाती है और किसानों के लिए यूरिया, कॉम्प्लेक्स फर्टिलाइजर और कई तरह के कृषि उत्पाद बनाती है.
भारत में खाद्य उत्पादन बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए उर्वरक कंपनियों की अहम भूमिका है. सरकार भी इन कंपनियों को सब्सिडी देती है ताकि किसानों को खाद सस्ते दामों पर मिल सकें. चंबल फर्टिलाइजर्स को भी हर साल बड़ी मात्रा में सब्सिडी मिलती है.
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारकंपनी न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सक्रिय है. किसानों को बेहतर गुणवत्ता के उर्वरक उत्पाद उपलब्ध कराने और नई तकनीकों का इस्तेमाल करने के कारण चंबल फर्टिलाइजर्स ने खुद को एक भरोसेमंद ब्रांड के रूप में स्थापित किया है.
शेयर प्राइस पर असरपेनल्टी की खबर सामने आने के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट देखी गई. कल शुक्रवार को चंबल फर्टिलाइजर्स का शेयर 1.51% गिरकर 519.95 रुपये पर बंद हुआ था.
पिछले पांच दिनों में स्टॉक 4.21% टूटा, जबकि एक महीने में इसमें 4.02% की गिरावट आई है. छह महीने की बात करें तो शेयर में करीब 16% तक की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, एक साल में कंपनी का शेयर लगभग 1% गिरा है.
पेनल्टी क्यों लगी?टैक्स अधिकारियों का आरोप है कि चंबल फर्टिलाइजर्स ने साल 2018-19 से 2022-23 के बीच इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत लाभ लिया और फर्टिलाइजर सब्सिडी पर जीएसटी नियमों का पालन नहीं किया.
विवाद की मुख्य वजह ये है कि क्या उर्वरक पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी को टैक्सेबल सप्लाई की श्रेणी में गिना जाए या नहीं. टैक्स विभाग का मानना है कि कंपनी को इस पर जीएसटी चुकाना चाहिए था.
लेकिन चंबल फर्टिलाइजर्स का कहना है कि सेंट्रल जीएसटी अधिनियम की धारा 15(2)(e) के तहत सब्सिडी टैक्सेबल नहीं है, इसलिए उन पर पेनल्टी लगाना गलत है.
कंपनी का बयानकंपनी ने साफ किया है कि इस आदेश से उसके बिजनेस ऑपरेशंस और वित्तीय स्थिति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, सिवाय पेनल्टी राशि के. चंबल फर्टिलाइजर्स ने दावा किया है कि उसके पास इस आदेश को चुनौती देने के लिए मजबूत कानूनी आधार है. कंपनी इस मामले को अपीलीय मंच पर लेकर जाएगी.
कंपनी का कहना है कि उर्वरक सब्सिडी हमेशा से टैक्स फ्री मानी जाती रही है और इस पर जीएसटी लगाने का कोई तर्क नहीं है. उनका विश्वास है कि अपील में उन्हें राहत मिलेगी.
कंपनी का इतिहासचंबल फर्टिलाइजर्स की स्थापना साल 1985 में हुई थी. इसका मुख्यालय कोटा, राजस्थान में है. कंपनी भारत की अग्रणी उर्वरक कंपनियों में गिनी जाती है और किसानों के लिए यूरिया, कॉम्प्लेक्स फर्टिलाइजर और कई तरह के कृषि उत्पाद बनाती है.
भारत में खाद्य उत्पादन बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए उर्वरक कंपनियों की अहम भूमिका है. सरकार भी इन कंपनियों को सब्सिडी देती है ताकि किसानों को खाद सस्ते दामों पर मिल सकें. चंबल फर्टिलाइजर्स को भी हर साल बड़ी मात्रा में सब्सिडी मिलती है.
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारकंपनी न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सक्रिय है. किसानों को बेहतर गुणवत्ता के उर्वरक उत्पाद उपलब्ध कराने और नई तकनीकों का इस्तेमाल करने के कारण चंबल फर्टिलाइजर्स ने खुद को एक भरोसेमंद ब्रांड के रूप में स्थापित किया है.
शेयर प्राइस पर असरपेनल्टी की खबर सामने आने के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट देखी गई. कल शुक्रवार को चंबल फर्टिलाइजर्स का शेयर 1.51% गिरकर 519.95 रुपये पर बंद हुआ था.
पिछले पांच दिनों में स्टॉक 4.21% टूटा, जबकि एक महीने में इसमें 4.02% की गिरावट आई है. छह महीने की बात करें तो शेयर में करीब 16% तक की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, एक साल में कंपनी का शेयर लगभग 1% गिरा है.
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