भारत आने वाले दिनों में दुनिया भर के निवेशकों के लिए वेल्थ क्रिएशन का मार्केट बनेगा और भारत की अर्थव्यवस्था की मज़बूती का लोहा पूरी दुनिया मानेगी. ये विचार मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल ने भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में विश्वास के साथ कहा कि भारतीय बाज़ार वेल्थ क्रिएशन के मामले में सुनहरी दौर में प्रवेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि साल 2047 तक देश को 32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बना सकता है.
ये दो बातें अपनाकर कोई भी वॉरेन बफे बन सकता हैवैल्यू इन्वेस्टिंग के पक्के समर्थक रामदेव अग्रवाल ने ईटी नाउ से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार लॉन्ग टर्म में बहुत मज़बूत हैं. उन्होंने कहा क भारतीय बाज़ार में अनुशासन और धैर्य से कोई भी वॉरेन बफे बन सकता है. उन्होंने कहा कि कोई भी सफल निवेश भाग्य पर नहीं, बल्कि निरंतरता पर निर्भर करता है. आप कितने समय निवेश को बनाए रखते हैं, इससे फर्क पड़ता है.
उन्होंने इन्वेस्टमेंट की सफलता के फॉर्मूले पर कहा कि भारत के बाज़ार में कोई वॉरेन बफे बन सकता है, बस आपको लगन और अनुशासन की ज़रूरत है. बफे ने गलतियां कीं, उनसे सीखा और आगे बढ़े. यह बात ध्यान रखते योग्य है कि महान निवेशक यही करते हैं.
अगले दो दशक में भारत की दिशा तय होगीरामदेव अग्रवाल ने कहा कि भारत का 32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना आकार ले रहा है और इस यात्रा में अगले 25 वर्ष भारत की नियति तय करेंगे. फिलहाल हमारी अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर की है. साल 2040 तक हम 16 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएंगे. इसके बाद साल 2047-48 में तेज़ ग्रोथ होगी और हम 32 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंच सकते हैं. यह सुनने में बहुत बड़ी बात लगती है, लेकिन यह बिल्कुल संभव है.
रामदेव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में भारत की जीडीपी डॉलर के संदर्भ में 9% बढ़ी है, जबकि मार्केट कैपिटल 13% कंपाउंडिंग एनुअल ग्रोथ रेट याने सीएजीआर से बढ़ा है.अगर हम इसी तरह की ग्रोथ रेट बनाए रखते हैं तो भारत का शेयर बाजार दशकों तक 15-16% के सीएजीआर से बढ़ता रहेगा.
एफआईआई की लगातार सेलिंग पर रामदेव अग्रवाल ने कहा कि हम उनकी फिक्र क्यों करें? भारत के बाज़ार में न रुकना उनके लिए नुकसानदायक है. हमने भारतीय बाज़ार में निवेशित रहना चुना है, यहीं कंपाउंडिंग ग्रोथ है.
ये दो बातें अपनाकर कोई भी वॉरेन बफे बन सकता हैवैल्यू इन्वेस्टिंग के पक्के समर्थक रामदेव अग्रवाल ने ईटी नाउ से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार लॉन्ग टर्म में बहुत मज़बूत हैं. उन्होंने कहा क भारतीय बाज़ार में अनुशासन और धैर्य से कोई भी वॉरेन बफे बन सकता है. उन्होंने कहा कि कोई भी सफल निवेश भाग्य पर नहीं, बल्कि निरंतरता पर निर्भर करता है. आप कितने समय निवेश को बनाए रखते हैं, इससे फर्क पड़ता है.
उन्होंने इन्वेस्टमेंट की सफलता के फॉर्मूले पर कहा कि भारत के बाज़ार में कोई वॉरेन बफे बन सकता है, बस आपको लगन और अनुशासन की ज़रूरत है. बफे ने गलतियां कीं, उनसे सीखा और आगे बढ़े. यह बात ध्यान रखते योग्य है कि महान निवेशक यही करते हैं.
अगले दो दशक में भारत की दिशा तय होगीरामदेव अग्रवाल ने कहा कि भारत का 32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना आकार ले रहा है और इस यात्रा में अगले 25 वर्ष भारत की नियति तय करेंगे. फिलहाल हमारी अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर की है. साल 2040 तक हम 16 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएंगे. इसके बाद साल 2047-48 में तेज़ ग्रोथ होगी और हम 32 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंच सकते हैं. यह सुनने में बहुत बड़ी बात लगती है, लेकिन यह बिल्कुल संभव है.
रामदेव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में भारत की जीडीपी डॉलर के संदर्भ में 9% बढ़ी है, जबकि मार्केट कैपिटल 13% कंपाउंडिंग एनुअल ग्रोथ रेट याने सीएजीआर से बढ़ा है.अगर हम इसी तरह की ग्रोथ रेट बनाए रखते हैं तो भारत का शेयर बाजार दशकों तक 15-16% के सीएजीआर से बढ़ता रहेगा.
एफआईआई की लगातार सेलिंग पर रामदेव अग्रवाल ने कहा कि हम उनकी फिक्र क्यों करें? भारत के बाज़ार में न रुकना उनके लिए नुकसानदायक है. हमने भारतीय बाज़ार में निवेशित रहना चुना है, यहीं कंपाउंडिंग ग्रोथ है.
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