भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ और एमडी सलिल पारेख की सैलरी इन दिनों सुर्खियों में है। नेटवर्क 2025 में उनकी आय में 22% का इंक्रीमेंट हुआ। यह इंक्रीमेंट केवल कॉरपोरेट जगत के लिए ही नहीं बल्कि आम जनता के बीच भी चर्चा का कारण बन चुका है। केवल इंक्रीमेंट ही इतना है कि बड़े शहरों में भी आराम से इतने में 4-5 लग्जरी फ्लैट खरीद लिए जाए।
इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख की सैलरी कितनी है?
इन्फोसिस की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सलिल पारेख को वित्तीय वर्ष 2025 में कुल 80.6 करोड़ रुपये का वेतन दिया गया। पिछले वित्त वर्ष में यह 66.25 करोड़ रुपये था। यानी उन्हें लगभग में 21.6% से 22% का इंक्रीमेंट मिला है। जिसके कारण वह भारतीय आईटी क्षेत्र की कंपनियों में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ बन चुके हैं। उनकी सैलरी में बेसिक सैलरी 7.45 करोड़ रुपये, रिटायरल बेनिफिट्स0.49 करोड़ रुपये, बोनस और वेरिएबल पे 23.18 करोड़ रुपये और पर्क्स (विशेषकर रिस्ट्रिक्टेड स्टॉक यूनिट्स या RSUs से) 49.5 करोड़ रुपये शामिल हैं।
सैलरी पर इतनी क्यों हो रही है बहस?
बड़ा इंक्रीमेंट
इन्फोसिस के सीईओ और एमडी सलिल पारेख की सैलरी पर इतनी चर्चा उन्हें मिले बड़े इंक्रीमेंट के कारण हो रही है। सीईओ के वेतन में 22% की वृद्धि ने कॉर्पोरेट क्षेत्र में नई बहस छेड़ दी है। अभी जब आईटी सेक्टर से धीमी वृद्धि, लागत को नियंत्रित करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी की खबरें आ रही है और उसे समय इतनी वेतन वृद्धि होना कई सवाल खड़े कर रही है।
कर्मचारियों में असमानता की भावनासलिल पारेख का वेतन कंपनी के औसत कर्मचारी के वेतन से कई गुणा ज्यादा है। यह अंतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस और आय असमानता पर सवाल उठाता है, खासकर तब जब कुछ कर्मचारियों ने कम वेतन वृद्धि और कथित विषाक्त कार्य संस्कृति की शिकायत की है।
अन्य आईटी कंपनियों के सीईओ से ज्यादा सैलरी
पारेख की कमाई पर इतनी चर्चा होने के पीछे का एक कारण यह भी है कि आईटी सेक्टर की अन्य कंपनियों के सीईओ की सैलरी से भी उनकी सैलरी काफी अधिक है।
इंफोसिस का प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2024-25 में इन्फोसिस ने 4.5-5% की राजस्व वृद्धि हासिल की। पिछले अनुमान से यह 3.75-4.5% से अधिक थी। ऐसा कहां जा रहा है कि पारीक के नेतृत्व में कंपनी ने मजबूत प्रदर्शन किया। कंपनी ने 11.4% की शुद्ध लाभ वृद्धि (6,806 करोड़ रुपये) दर्ज की। क्लाउड, डिजिटल, और जेनरेटिव एआई जैसे उभरते क्षेत्रों में भी बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसके कारण उन्हें लगभग 22% का इंक्रीमेंट मिला है।
बता दें कि साल 2018 से सलिल पारेख इंफोसिस के सीईओ हैं। उनके नेतृत्व में कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल क्षेत्र पर ज्यादा जोर दिया है। कंपनी का 60% से अधिक डिजिटल कार्य होता है। पारेख ने कंपनी को वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति में लाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। सलिल पारेख का कहना है कि उनकी कंपनी के सभी कर्मचारियों के विकास पर बराबर ध्यान दिया जाता है। कंपनी ने केवल पारेख की सैलरी में ही भारी वृद्धि नहीं की है बल्कि अपने कर्मचारियों के लिए भी वेतन वृद्धि और बोनस की घोषणा की है। के बाद भी कंपनी के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि उनकी वेतन वृद्धि अपेक्षाकृत कम है। कर्मचारी सोशल मीडिया पर भी असंतोष जाहिर कर रहे हैं।
इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख की सैलरी कितनी है?
इन्फोसिस की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सलिल पारेख को वित्तीय वर्ष 2025 में कुल 80.6 करोड़ रुपये का वेतन दिया गया। पिछले वित्त वर्ष में यह 66.25 करोड़ रुपये था। यानी उन्हें लगभग में 21.6% से 22% का इंक्रीमेंट मिला है। जिसके कारण वह भारतीय आईटी क्षेत्र की कंपनियों में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ बन चुके हैं। उनकी सैलरी में बेसिक सैलरी 7.45 करोड़ रुपये, रिटायरल बेनिफिट्स0.49 करोड़ रुपये, बोनस और वेरिएबल पे 23.18 करोड़ रुपये और पर्क्स (विशेषकर रिस्ट्रिक्टेड स्टॉक यूनिट्स या RSUs से) 49.5 करोड़ रुपये शामिल हैं।
सैलरी पर इतनी क्यों हो रही है बहस?
बड़ा इंक्रीमेंट
इन्फोसिस के सीईओ और एमडी सलिल पारेख की सैलरी पर इतनी चर्चा उन्हें मिले बड़े इंक्रीमेंट के कारण हो रही है। सीईओ के वेतन में 22% की वृद्धि ने कॉर्पोरेट क्षेत्र में नई बहस छेड़ दी है। अभी जब आईटी सेक्टर से धीमी वृद्धि, लागत को नियंत्रित करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी की खबरें आ रही है और उसे समय इतनी वेतन वृद्धि होना कई सवाल खड़े कर रही है।
कर्मचारियों में असमानता की भावनासलिल पारेख का वेतन कंपनी के औसत कर्मचारी के वेतन से कई गुणा ज्यादा है। यह अंतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस और आय असमानता पर सवाल उठाता है, खासकर तब जब कुछ कर्मचारियों ने कम वेतन वृद्धि और कथित विषाक्त कार्य संस्कृति की शिकायत की है।
अन्य आईटी कंपनियों के सीईओ से ज्यादा सैलरी
पारेख की कमाई पर इतनी चर्चा होने के पीछे का एक कारण यह भी है कि आईटी सेक्टर की अन्य कंपनियों के सीईओ की सैलरी से भी उनकी सैलरी काफी अधिक है।
इंफोसिस का प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2024-25 में इन्फोसिस ने 4.5-5% की राजस्व वृद्धि हासिल की। पिछले अनुमान से यह 3.75-4.5% से अधिक थी। ऐसा कहां जा रहा है कि पारीक के नेतृत्व में कंपनी ने मजबूत प्रदर्शन किया। कंपनी ने 11.4% की शुद्ध लाभ वृद्धि (6,806 करोड़ रुपये) दर्ज की। क्लाउड, डिजिटल, और जेनरेटिव एआई जैसे उभरते क्षेत्रों में भी बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसके कारण उन्हें लगभग 22% का इंक्रीमेंट मिला है।
बता दें कि साल 2018 से सलिल पारेख इंफोसिस के सीईओ हैं। उनके नेतृत्व में कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल क्षेत्र पर ज्यादा जोर दिया है। कंपनी का 60% से अधिक डिजिटल कार्य होता है। पारेख ने कंपनी को वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति में लाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। सलिल पारेख का कहना है कि उनकी कंपनी के सभी कर्मचारियों के विकास पर बराबर ध्यान दिया जाता है। कंपनी ने केवल पारेख की सैलरी में ही भारी वृद्धि नहीं की है बल्कि अपने कर्मचारियों के लिए भी वेतन वृद्धि और बोनस की घोषणा की है। के बाद भी कंपनी के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि उनकी वेतन वृद्धि अपेक्षाकृत कम है। कर्मचारी सोशल मीडिया पर भी असंतोष जाहिर कर रहे हैं।
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