वॉरेन बफेट सिर्फ शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ी ही नहीं हैं, बल्कि वो दुनिया के सबसे समझदार और शांत निवेशकों में गिने जाते हैं. लोग अक्सर सोचते हैं कि उनकी सफलता का राज सिर्फ मार्केट की समझ है, लेकिन असली बात ये है कि उन्होंने अपने जज्बातों को कंट्रोल करना सीखा, जो हर निवेशक के लिए जरूरी है.चाहे बाजार कितना भी गिर रहा हो या लोग घबराकर पैसे निकाल रहे हों, बफेट हमेशा शांत रहते हैं और सोच-समझकर कदम उठाते हैं. यही कारण है कि उन्होंने धीरे-धीरे लेकिन पक्के कदमों से 160 अरब डॉलर से भी ज्यादा की दौलत बनाई- वो भी बिना शोर मचाए, बिना दिखावे के. हमने आपको बताया है कि वॉरेन बफेट की वो 10 आदतें, जो किसी भी इंसान को एक बेहतर निवेशक और समझदार इंसान बना सकती हैं. अगर आप भी निवेश की दुनिया में लंबा खेल खेलना चाहते हैं, तो ये आदतें आपकी सोच बदल सकती हैं. जज्बातों पर कंट्रोल रखना ही वॉरेन बफेट की सफलता का असली राजलोग सोचते हैं कि वॉरेन बफेट इतने बड़े निवेशक इसलिए बने क्योंकि उन्हें पैसे और शेयर बाजार की गहरी समझ है. लेकिन सच ये है कि उनकी सबसे बड़ी ताकत है अपने जज्बातों पर कंट्रोल रखना. बफेट का मानना है कि शेयर बाजार में सफल होने के लिए सिर्फ दिमाग तेज होना काफी नहीं है, बल्कि दिल और दिमाग दोनों को संतुलन में रखना जरूरी है. जब बाजार गिरता है, तो लोग डर जाते हैं और गलत फैसले ले लेते हैं. लेकिन बफेट शांत रहते हैं, सोच-समझकर फैसला करते हैं और यही उन्हें बाकी लोगों से अलग बनाता है.उन्हें 'ओरेकल ऑफ ओमाहा' कहा जाता है और उन्होंने करीब 160 अरब डॉलर की संपत्ति बनाई है, वो भी बिना जल्दबाजी किए, सिर्फ धैर्य और समझदारी से. उनकी कहानी ये सिखाती है कि अगर आप निवेश में कामयाब होना चाहते हैं, तो सिर्फ दिमाग नहीं, अपने व्यवहार और भावनाओं को भी संभालना सीखिए. जब सब घबराएं, तब आप शांत रहें वॉरेन बफेट हमेशा ये सिखाते हैं कि जब शेयर बाजार में उथल-पुथल मची हो और लोग डरकर गलत फैसले ले रहे हों, तब सबसे जरूरी होता है शांत दिमाग से सोचकर फैसला लेना. जब दूसरे लोग घबराकर अपने शेयर बेचते हैं, तब बफेट मौके की तलाश करते हैं. वो जल्दबाजी में नहीं पड़ते, बल्कि समझदारी से काम लेते हैं- और इसी तरीके से उन्होंने धीरे-धीरे बड़ी दौलत बनाई है. उनका यही तरीका बताता है कि डर के वक्त में भी धैर्य रखना ही असली ताकत है. फैसले से पहले थोड़ा रुकें- यही है बफेट की सलाहवॉरेन बफेट का मानना है कि जब भी कोई बड़ा वित्तीय (पैसे से जुड़ा) फैसला लेना हो, तो तुरंत रिएक्ट करने की जगह थोड़ा रुक जाना चाहिए. वो कहते हैं कि एक छोटा-सा ठहराव या सोचने का समय आपको भावनाओं की बजाय तर्क और समझदारी से सोचने में मदद करता है. खासकर जब बाजार में तनाव हो या माहौल डर का हो, तब जल्दबाज़ी में लिए गए फैसले अक्सर नुकसान करवा सकते हैं. लेकिन अगर आप थोड़ी देर रुककर सोचें, तो आप ज्यादा सही और स्मार्ट फैसला ले सकते हैं. यही बफेट का तरीका है- पहले सोचो, फिर एक्शन लो. जल्दबाजी नहीं, धैर्य जरूरी है- यही है बफेट की असली सीखवॉरेन बफेट की सबसे बड़ी सफलता की कहानियां कुछ महीनों में नहीं, बल्कि कई सालों में बनी हैं. उन्होंने हमेशा लंबा इंतजार किया और यही धैर्य उनकी सबसे बड़ी ताकत साबित हुआ. बफेट मानते हैं कि अगर आप समय को मौका दें, तो कंपाउंडिंग का जादू काम करता है. यानी पैसा पैसा बनाता है और धीरे-धीरे बड़ी दौलत बनती है. उनकी सोच हमें यही याद दिलाती है कि सच्ची दौलत उन लोगों के पास आती है, जो इंतजार करना जानते हैं, न कि उन लोगों के पास जो हर चीज़ तुरंत पाना चाहते हैं. जो जानते हैं, उसी में निवेश करें- यही है बफेट का तरीकावॉरेन बफेट हर नई ट्रेंड या फैंसी स्कीम के पीछे नहीं भागते. वो सिर्फ उन्हीं कंपनियों या बिजनेस में निवेश करते हैं जिन्हें वो अच्छे से समझते हैं. उनका मानना है कि अगर किसी चीज की आपको सही जानकारी नहीं है, तो उसमें पैसा लगाना एक बेकार का जोखिम है. वो ये भी मानते हैं कि ये जरूरी नहीं कि आप सबकुछ जानें बल्कि ये जरूरी है कि आप ये मानें कि आप क्या नहीं जानते. इस सोच की वजह से बफेट बेवजह के उतार-चढ़ाव और भावनात्मक फैसलों से खुद को बचा लेते हैं. गलतियों से डरो नहीं, उनसे सीखो- यही है बफेट की सोचवॉरेन बफेट कभी अपनी निवेश से जुड़ी गलतियों को छुपाते नहीं हैं. बल्कि वो उन्हें खुले तौर पर स्वीकार करते हैं और हर गलती से कुछ नया सीखते हैं. उनका मानना है कि अगर आप सीखने के रास्ते में अपने इगो को बीच में लाएंगे, तो आप कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे. असली समझदारी यही है कि गलती को स्वीकार करो, सीखो और आगे सुधार करो. बफेट की यही आदत उन्हें हर बार और बेहतर निवेशक बनाती है. ईमानदारी सबसे जरूरी है- बफेट की सीखवॉरेन बफेट के लिए सिर्फ अच्छा बिजनेस मॉडल ही काफी नहीं होता. वो जिस कंपनी में पैसा लगाते हैं या जिसके साथ पार्टनरशिप करते हैं, वहां वो सबसे पहले ईमानदारी, नैतिकता और अच्छे मैनेजमेंट को देखते हैं. उनका मानना है कि अगर लीडर भरोसेमंद है और सही सोच के साथ काम करता है, तो वही कंपनी लंबे समय में असली और टिकाऊ दौलत बना सकती है. इसलिए बफेट की बड़ी सीख है- किसी भी रिश्ते या निवेश में सबसे पहले ईमानदारी को महत्व दो. खुद सोचो, भीड़ के पीछे मत भागो- बफेट की कामयाबी की कुंजीवॉरेन बफेट की सबसे बड़ी सफलताएं तब आईं जब उन्होंने भीड़ की नहीं, अपनी सोच की सुनी. जब सब एक जैसे फैसले ले रहे थे, बफेट ने ठंडे दिमाग से सोचा और अलग रास्ता चुना. उनका मानना है कि शेयर बाजार में कई बार माहौल ऐसा बन जाता है कि लोग सिर्फ इसलिए निवेश या बेचते हैं क्योंकि बाकी सब भी वही कर रहे हैं. लेकिन बफेट बताते हैं कि अगर आप खुद से सोचते हैं, तो आप ज्यादा समझदारी से और सही वक्त पर फैसला ले पाते हैं. असली निवेशक वही है जो भीड़ से अलग सोचता है. कम खर्च करो, चाहे कितना भी कमाओ- बफेट की खास आदतवॉरेन बफेट के पास अरबों की दौलत है, फिर भी वो एक साधारण और सादा जीवन जीते हैं. ना महंगे घर, ना लग्जरी गाड़ियां- क्योंकि उनके लिए खुशी का मतलब दिखावा नहीं, बल्कि संतुलन और समझदारी है. वो मानते हैं कि पैसे की असली ताकत बचाने और सही जगह लगाने में है, न कि फालतू खर्च करने में. उनका ये अनुशासन उन्हें और भी मजबूत बनाता है, मानसिक रूप से भी और आर्थिक रूप से भी. यही वजह है कि बफेट सिखाते हैं- कमाओ चाहे जितना, लेकिन जियो उससे थोड़ा कम में. पैसे की सुरक्षा सबसे जरूरी है- बफेट का पहला नियमवॉरेन बफेट का पहला और सबसे महत्वपूर्ण नियम है:- 'पैसा मत खोओ.' उनके लिए सबसे पहले ये जरूरी है कि जो पैसे आप पहले से रखते हैं, उन्हें बचाए रखें. अगर आपका पैसा सुरक्षित है, तो आपको मानसिक शांति मिलती है और आप सही फैसले ले पाते हैं, चाहे बाजार में कितनी भी उथल-पुथल क्यों न हो. जब बाकी लोग घबराते हैं, तब बफेट ठंडे दिमाग से काम करते हैं. इसलिए बफेट का कहना है कि सबसे पहले अपनी पूंजी को सुरक्षित रखो, फिर बढ़ने की सोचो.
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