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कच्चे अंडों के सेवन के खतरनाक प्रभाव: जानें क्यों नहीं खाना चाहिए

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कच्चे अंडों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव Raw and half-cooked eggs should not be eaten even by mistake, knowing the reason, the ground will slip under your feet!

अंडे में प्रोटीन, कैल्शियम और कई आवश्यक विटामिन होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर अंडे को ठीक से नहीं पकाया गया, तो यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है? इसका मुख्य कारण यह है कि अंडों में साल्मोनेला बैक्टीरिया हो सकता है, जो खाद्य जनित बीमारियों का एक सामान्य कारण है।


साल्मोनेलोसिस नामक इस बैक्टीरिया के संक्रमण से दस्त, बुखार, उल्टी और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि यह बैक्टीरिया रक्त में फैल जाए, तो यह गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है, हालांकि यह बहुत कम होता है। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग इस बैक्टीरिया से संक्रमित होने के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं।


कच्चे और आधे पके अंडे न खाने के अन्य कारण:


1. कच्चे अंडों की सफेदी में एविडिन नामक प्रोटीन होता है, जो बायोटिन (बी विटामिन) के अवशोषण को रोक सकता है। इससे बायोटिन की कमी हो सकती है, जिससे त्वचा पर चकत्ते, बालों का झड़ना और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।


2. कच्चे या अधपके अंडों का सेवन पाचन संबंधी समस्याएं जैसे सूजन, गैस और दस्त का कारण बन सकता है।


3. अंडों को पकाने से उनके पोषण मूल्य में वृद्धि होती है, जिससे प्रोटीन और विटामिन बी 12 जैसे पोषक तत्वों की जैव उपलब्धता बढ़ती है। कच्चे अंडे खाने से इन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।


4. कुछ व्यक्तियों को अंडे के प्रोटीन से एलर्जी होती है, और कच्चे या अधपके अंडों का सेवन एलर्जी की प्रतिक्रिया को जन्म दे सकता है। इसके लक्षणों में चकत्ते, सूजन और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं।


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