आकाश आनंद और मायावती
9 अक्टूबर को मान्यवर कांशी राम के परिनिर्वाण दिवस पर, बसपा की प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का भविष्य का नेता घोषित किया। इसके साथ ही, सतीश चंद्र मिश्रा के पुत्र कपिल मिश्रा को भी युवा नेता के रूप में पेश किया गया। यह कदम दर्शाता है कि बसपा अब युवा नेतृत्व की ओर बढ़ रही है। आकाश और कपिल को पार्टी के नए सलीम-जावेद के रूप में देखा जा रहा है। मायावती ने एक विशाल जनसभा में आकाश को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।
उन्होंने समर्थकों से कहा कि जिस तरह से उन्होंने कांशीराम जी और मायावती का साथ दिया, उसी तरह आकाश आनंद का भी समर्थन करें, क्योंकि वह पार्टी का भविष्य हैं।
समर्थकों का दिल जीतने की कोशिशबहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी के 19वें परिनिर्वाण दिवस पर दिनांक 9 अक्टूबर सन् 2025 को अपार श्रद्धा सुमन अर्पित से सम्बंधित यूपी राज्यव्यापी महा - आयोजन की ऐतिहासिक सफलता में प्रशंसनीय मिशनरी योगदान को लेकर पार्टी के सभी स्तर के पदाधिकारियों,… pic.twitter.com/U2a69iEHhD
— BSP (@Bsp4u) October 15, 2025
जनसभा में आकाश ने मायावती के पांव छूकर समर्थकों का दिल जीतने का प्रयास किया। मायावती ने कपिल मिश्रा को भी लॉन्च करते हुए कहा कि वह पार्टी के भरोसेमंद युवा नेता हैं, जो कांशीराम जी के मिशन को आगे बढ़ाएंगे।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय अप्रत्याशित नहीं था। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कुमार ने बताया कि आकाश को पहले भी कुछ जिम्मेदारियां दी गई थीं, लेकिन उनके अपरिपक्व बयानों के कारण उन्हें किनारे कर दिया गया था। अब मायावती ने उन्हें पार्टी का भविष्य घोषित किया है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह ध्यान देने योग्य है कि कांशीराम जी ने अपने जीवन में परिवारवाद का विरोध किया था, और अब मायावती ने अपने भतीजे को पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका दी है।
भरोसेमंद युवा नेतामायावती ने सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा को भी पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका देने का निर्णय लिया है। यह कदम ब्राह्मण वोट बैंक को साधने की दिशा में उठाया गया है।
वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ला का मानना है कि मायावती अभी भी पार्टी की प्रमुख हैं और आकाश आनंद को एक सहायक के रूप में ही देखा जा सकता है।
युवाओं को जोड़ने की दिशा में कदमआकाश आनंद की कोशिश होगी कि युवा बसपा से जुड़ें, लेकिन उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है। कपिल मिश्रा के लॉन्चिंग का उद्देश्य भी युवाओं को पार्टी से जोड़ना है।
विशेष रूप से, नगीना के सांसद चंद्रशेखर जैसे नेता दलित समाज के युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, जो बसपा के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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