कांग्रेस.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार चुनाव आयोग के सहयोग से एसआईआर प्रक्रिया में अनियमितताओं का सहारा लेकर वोट चोरी कर रही है। इस मुद्दे पर पार्टी ने अक्टूबर में 5 करोड़ लोगों से हस्ताक्षर जुटाने का अभियान चलाया, जो 5 नवंबर को सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इसके बाद, पार्टी की शीर्ष नेतृत्व ने 8 नवंबर को सभी राज्यों के पार्टी मुख्यालयों में हस्ताक्षर के साथ विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
राज्यों से प्राप्त सभी हस्ताक्षरों के दस्तावेज दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय भेजे जाएंगे, जहां उन्हें मीडिया के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
दिल्ली में बड़ी रैली की योजना दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ी रैली
बिहार चुनाव के संदर्भ में, कांग्रेस ने नवंबर के अंत या दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली आयोजित करने की योजना बनाई है। इस रैली में इंडिया ब्लॉक के नेताओं को भी आमंत्रित किया जा सकता है। इस अवसर पर 5 करोड़ हस्ताक्षर अभियान के परिणामों को जनता के सामने रखा जाएगा, और इसके बाद इन दस्तावेजों को राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान की अपेक्षा सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए
कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में खुद सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी, बल्कि वह चाहती है कि अदालत स्वतः संज्ञान ले। पार्टी का मानना है कि राहुल गांधी ने तथ्यों के साथ महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं, और इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में सक्रिय होना चाहिए, खासकर जब बिहार में एसआईआर का मामला अदालत में है।
अन्य राज्यों में एसआईआर का निर्णय देश के बाकी राज्यों में एसआईआर कराने का फैसला
कांग्रेस का कहना है कि भले ही बिहार में निर्णय नहीं आया है, पहले दौर का मतदान उसी वोटर लिस्ट पर हो चुका है। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने बिहार के फैसले का इंतजार किए बिना देश के अन्य राज्यों में एसआईआर कराने का निर्णय लिया है।
You may also like

Stocks to Buy: आज Redington और CCL Products समेत इन शेयरों से होगी कमाई, तेजी के सिग्नल

डोनाल्ड ट्रंप अगले साल आएंगे भारत! व्यापार वार्ता के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान, PM मोदी की जमकर तारीफ

7 नवंबर 2025 वृषभ राशिफल: आज मनचाही सफलता से खुलेगी किस्मत, दूर होंगे पुराने मनमुटाव

Traffic Jam In Delhi: दिल्ली में आज लग सकता है भीषण ट्रैफिक जाम, इन रास्तों पर जाने से बचें दिल्लीवाले

बस नाम बदलो और क्रेडिट चुराओ... क्या मुख्यमंत्री का नाम बाबा साहेब से बड़ा है? स्कूल का बोर्ड हटाने पर 'आप' ने किया विरोध





