नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के हर कोने और दिशा का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हर दिशा का एक विशेष महत्व होता है, और यदि वस्तुएं या व्यक्ति सही दिशा में रखे जाएं, तो यह जीवन को सुखद और समृद्ध बना सकता है। घर में वास्तु दोषों को सुधारने के लिए कई उपाय सुझाए जाते हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण उपाय काजल का टीका है। इसे घर के विशेष स्थानों पर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है।
काजल, जिसे अलका या काला भी कहा जाता है, का धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व है। आमतौर पर इसका उपयोग आंखों में किया जाता है ताकि नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे घर में भी उपयोग किया जा सकता है, विशेषकर किसी खास स्थान पर टीका लगाने के लिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वास्तु दोषों का निवारण होता है।
मुख्य द्वार घर का प्रवेश मार्ग होता है और यह सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करने का स्थान है। यदि मुख्य द्वार में वास्तु दोष है, तो नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सकता है। ऐसे में, मुख्य द्वार के पास काजल का टीका लगाना शुभ माना जाता है। इससे उस स्थान की पवित्रता बढ़ती है और घर में सुख-शांति का संचार होता है।
घर के दीवारों के कोने भी वास्तु दोष उत्पन्न कर सकते हैं। इन कोनों पर काजल का टीका लगाने से नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त किया जा सकता है। विशेष रूप से, दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व कोनों में काजल का टीका लगाना लाभकारी होता है।
यदि खिड़कियां और दरवाजे वास्तु शास्त्र के अनुसार सही स्थान पर नहीं हैं, तो यह भी वास्तु दोष का कारण बन सकता है। इन स्थानों पर काजल का टीका लगाने से ऊर्जा का प्रवाह सही दिशा में होता है, जिससे घर में शांति और संतुलन बना रहता है।
यदि आपके बेडरूम में वास्तु दोष है, तो वहां भी काजल का टीका लगाया जा सकता है। खासकर, बेड के सिरहाने पर काजल का टीका लगाना शुभ होता है, जो मानसिक शांति और स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
घर के पूजा स्थान में काजल का टीका लगाना बहुत शुभ होता है। यह स्थान भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यहां काजल का टीका लगाने से धार्मिक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और घर में समृद्धि आती है।
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