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जोधपुर में दहेज प्रताड़ना के चलते शिक्षिका और बेटी की दर्दनाक मौत

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जोधपुर में हुई दिल दहला देने वाली घटना

जोधपुर में एक शिक्षिका, संजू बिश्नोई, ने कथित दहेज प्रताड़ना से तंग आकर खुद और अपनी तीन वर्षीय बेटी को आग लगा ली। इस घटना में संजू की बेटी यशस्वी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संजू ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।


घटना का विवरण

यह घटना शुक्रवार को जोधपुर कमिश्नरेट के डांगियावास थाना क्षेत्र के कांकेलाव में हुई। संजू और उसकी बेटी गंभीर रूप से झुलस गईं। संजू ने ड्यूटी से लौटने के बाद डाइनिंग टेबल की कुर्सी पर पेट्रोल डालकर खुद और अपनी बेटी पर भी पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। आग की लपटों ने दोनों को अपनी चपेट में ले लिया। यशस्वी मौके पर ही गिर गई और उसकी मौत हो गई। संजू को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वह भी 24 घंटे के भीतर जिंदगी की जंग हार गई।


दहेज प्रताड़ना का आरोप

संजू का विवाह 10 वर्ष पहले दिलीप बिश्नोई से हुआ था। उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि ससुराल वाले उसे लंबे समय से दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। परिवार का कहना है कि चार से पांच महीने पहले भी संजू और उसके ससुराल वालों के बीच विवाद हुआ था। परिजनों का मानना है कि लगातार मानसिक उत्पीड़न ने संजू को इस कदम के लिए मजबूर किया।


पुलिस कार्रवाई

मंडोर एसीपी नगेंद्र कुमार ने बताया कि पीहर पक्ष की शिकायत पर डांगियावास थाने में मामला दर्ज किया गया है। इसमें दिलीप बिश्नोई, गणपत बिश्नोई और लिला बिश्नोई के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


गांव में शोक और आक्रोश

संजू के पिता ओमाराम बिश्नोई AEN के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उसका भाई JEN है। संजू खुद एक शिक्षिका थी। इस दुखद घटना से परिवार और गांव के लोग सदमे में हैं। ग्रामीणों में आक्रोश है और वे आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। शिक्षिका और उसकी बेटी की इस तरह की मौत ने पूरे समाज को झकझोर दिया है।


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