बरेली पुलिस ने एक अनोखे लुटेरे गैंग का खुलासा किया है, जो लूट की घटनाओं में अपने-अपने पत्नियों का सहारा लेते थे। यह गैंग सीधे-साधे पेंशनरों और सरकारी कर्मचारियों को अपना निशाना बनाता था। लुटेरे बैंक के बाहर अलग-अलग ऑटो रिक्शा में अपनी पत्नियों को मेकअप कराकर बैठाते थे, जिससे लोग उन्हें सवारी समझकर आसानी से फंस जाते थे।
पुलिस ने एसओजी की मदद से इस गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से लगभग एक लाख रुपये की लूटी हुई राशि भी बरामद की गई है। लुटेरों ने अब तक आठ लूट की घटनाओं को स्वीकार किया है।
गिरोह में आदिल और शबा, असगर और नूरी पति-पत्नी के रूप में शामिल हैं, जबकि उस्मान अली इस गिरोह का सलाहकार है। नूरी और शबा मिलकर इस गैंग का संचालन करती थीं।
पिछले एक साल में बरेली जिले में बैंक से निकलने वाले लोगों के साथ लूट की घटनाओं में वृद्धि हुई थी। पुलिस ने इन घटनाओं की जांच के लिए एसओजी की टीम को भी शामिल किया। उस्मान अली पहले से ही उन लोगों की रेकी करता था, जो पेंशन या तनख्वाह निकालने के लिए बैंक जाते थे।
जब कोई व्यक्ति बैंक से बाहर आता, तो आदिल और असगर अपनी पत्नियों के साथ ऑटो में बैठाकर उन्हें दूर ले जाते थे और फिर लूट लेते थे। पुलिस के अनुसार, इस गैंग ने अब तक आठ लूट की घटनाओं को कबूल किया है।
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