होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ने भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है. कंपनी ने अब तक भारत से 2 लाख कारों का एक्सपोर्ट कर अपनी मजबूत पकड़ और मेक- इन- इंडिया पहल की सफलता को दुनिया के सामने रखा है. ये उपलब्धि न सिर्फ भारतीय प्रोडक्शन क्षमता की पहचान है, बल्कि होंडा की ग्लोबल क्वॉलिटी और भरोसे का भी सबूत है.
शुरुआत से अब तक का सफरने एक्सपोर्ट की शुरुआत SAARC देशों जैसे नेपाल और भूटान के साथ की थी. 2021 तक कंपनी ने अपनी पहली 50 हजार यूनिट्स SAARC, साउथ अफ्रीका और SADC देशों को भेजी. इसके बाद एक्सपोर्ट की रफ्तार तेज हुई और मात्र ढाई साल में अगली 50 हजार यूनिट्स मिडल ईस्ट, मैक्सिको और तुर्की जैसे लेफ्ट-हैंड-ड्राइव मार्केट्स तक पहुंच गईं.
सबसे बड़ा बदलाव तक आया जबहोंडा ने अपनी मिड-साइज एसयूवी होंडा एलीवेट, जिसे जापान में WR-V नाम से बेचा जाता है को नए बाजारों में भेजना शुरू किया. इस मॉडल की बदौलत कंपनी ने केवल दो साल में ही अलगे 1 लाख यूनिट्स का एक्सपोर्ट कर लिया.
कौन से मॉडल्स रहे सबसे लोकप्रिय?होंडा के एक्सपोर्ट वॉल्यूम में होंडा सिटी (Honda City) और होंडा एलीवेट का सबसे बड़ा योगदान रहा. ये दोनों मॉडल्स मिलकर कुल एक्सपोर्ट का लगभग 78 प्रतिशत हिस्सा देती है. बाकी 22 प्रतिशत ब्रिओ (Brio), अमेज (Amaze), जैज (Jazz), BR-V, मोबिलो (Mobilio), सिटी e:HEV (City e:HEV), एकॉर्ड (Accord) और CR-V जैसे मॉडल्स शामिल हैं.
किन-किन देशों तक पहुंची होंडा?आज के समय में होंडा की मेड-इन-इंडिया कारें 33 देशों तक पहुंच चुकी है. इनमें सबसे बड़ा मार्केट जापान है, जहां कुल एक्सपोर्ट का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा जाता है. इसके बाद साउथ अफ्रीका और SADC देशों में 26 प्रतिशत मैक्सिको में 19% और तुर्की में 16% की हिस्सेदारी है. वहीं बाकी 9% यूनिट्स मिडल ईस्ट, SAARC, साउथ अमेरिका और कैरेबियन देशों में जाती है.
कंपनी का बयानकंपनी ने इस उपलब्धि पर अपना बयान देते हुए कहा कि होंडा कार्स इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट कुनाल बहर ने कहा कि 2 लाख यूनिट्स का एक्सपोर्ट हमारे कर्मचारियों के मेहनत और कंपनी की मजबूत मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का नतीजा है. ये माइलस्टोन इस बात का प्रमाण है कि भारत में बनी होंडा कारें न सिर्फ घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भरोसेमंद और पसंदीदा है.
होंडा कार्स इंडिया की ये उपलब्धि भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की बढ़ती ताकत और वैश्विक स्तर पर मेक-इन-इंडिया की सफलता का प्रतीक है. आने वाले समय में कंपनी का टारगेट घरेलू बाजार के साथ-साथ और भी ज्यादा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी मौजूदगी को मजबूत करना है.
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