क्या आप भी 50 की उम्र के बाद अपनी मसल्स की ताकत को कम होता हुआ महसूस कर रहे हैं? छोटी-छोटी चीजें जैसे कि सीढ़ियां चढ़ना, सामान उठाना या थोड़ा सा लंबा वॉक करना आपको मुश्किल लगने लगा है। अगर हां, तो आज की यह पोस्ट आपके लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।
क्यों जरूरी है 50 के बाद मसल स्ट्रेंथ बनाए रखना?
दरअसल, 45-50 की उम्र के बाद बॉडी की मसल स्ट्रेंथ बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। क्यों?
- क्योंकि इस ऐज के बाद मसल्स नेचुरली कम होने लगती हैं जिसे हम सार्कोपीनिया कहते हैं।
- 50 के बाद अगर आप एक्टिव नहीं हैं, तो हर 10 साल में आप अपने मसल का 20-25% तक लूज़ कर सकते हैं।
- मसल लॉस का मतलब है रोजमर्रा के कामों में दिक्कत।
लेकिन अगर आप मसल को वापस स्ट्रांग बनाना शुरू करें तो इसका फायदा भी बहुत ज्यादा होता है – जॉइंट्स को सपोर्ट मिलता है।
मेटाबॉलिज्म स्ट्रांग होता है।
डायबिटीज का रिस्क कम हो जाता है।
ओवरऑल क्वालिटी ऑफ लाइफ इंप्रूव होती है।
मसल लॉस रोकने के लिए 3 सबसे जरूरी चीजें
डाइट: मसल्स के लिए जरूरी पोषण
जब भी मसल्स की बात आती है, तो सबसे पहला नाम आता है प्रोटीन का।
आपका टारगेट होना चाहिए लगभग 1 से 1.2 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो बॉडी वेट।
(जैसे अगर आपका वजन 60 किलो है, तो 60-72 ग्राम प्रोटीन डेली लें।)
प्रोटीन के बेस्ट सोर्स
- दालें: अरहर, मूंग, मसूर, चना, राजमा
- दूध, दही, पनीर, छाछ
- सोयाबीन की बड़ी
- सत्तू, बादाम, मूंगफली, फ्लैक्स सीड्स, तिल
- अंडा, मछली, मीट (नॉन-वेज वालों के लिए)
साथ में और क्या जरूरी है?
- विटामिन्स और मिनरल्स → मसल्स को ठीक से काम करने के लिए
- एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स → मसल रिकवरी के लिए
- कलरफुल सब्जियां और फ्रूट्स → अलग-अलग न्यूट्रिएंट्स पाने के लिए
- रोज सुबह 15-20 मिनट धूप → विटामिन D के लिए
हेल्दी फैट्स भी जरूरी
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (फ्लैक्स सीड्स, अखरोट) मसल्स और जॉइंट्स की सूजन कम करने में मदद करते हैं।
एक्सरसाइज: मसल्स को एक्टिव और स्ट्रॉन्ग रखने का असली फॉर्मूला
अगर आप पूछें कि दुनिया की सबसे पावरफुल एंटी-एजिंग दवा कौन सी है, तो जवाब होगा – एक्सरसाइज, खासकर रेजिस्टेंस ट्रेनिंग
क्यों जरूरी है रेजिस्टेंस ट्रेनिंग?
- सार्कोपीनिया को रोकने में मदद करती है
- हड्डियों की डेंसिटी बढ़ाती है
- हर उम्र में सेफ और असरदार
घर पर आसान एक्सरसाइज
- चेयर स्क्वाट्स → पैर और हिप्स स्ट्रॉन्ग
- वॉल पुश-अप्स → आर्म्स, चेस्ट और शोल्डर स्ट्रॉन्ग
- हील रेज़ → काफ्स और बैलेंस बेहतर
- लेग लिफ्ट्स → थाई मसल्स एक्टिवेट
रेजिस्टेंस बैंड्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं (बाईसेप कर्ल, शोल्डर प्रेस, लेग प्रेस आदि)।
आयुर्वेदिक हर्ब्स: मसल्स के लिए नेचुरल बूस्टर
आयुर्वेद में कई ऐसी हर्ब्स हैं जो डाइट और एक्सरसाइज के साथ मिलकर मसल स्ट्रेंथ बढ़ाती हैं:
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