वैसे तो मोदी जी को खाने में बहुत सी चीजें पसंद हैं लेकिन एक वीडियो में उन्होंने बताया कि उन्हें मोरिंगा यानी सहजन के पराठे बहुत ज्यादा पसंद हैं और हफ्ते में दो से तीन बार इनका सेवन कर करते हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 17 सितंबर को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। 1950 में गुजरात के मेहसाणा में जन्मे प्रधानमंत्री मोदी दुनिया भर के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बनकर उभरे हैं। मोदी अपनी फिटनेस और खानपान पर खास ध्यान देते हैं। 75 साल की उम्र में भी वह तंदुरुस्त और एक्टिव रहते हैं।
उनकी सेहत और फिटनेस की चर्चा अक्सर होती है। उनकी इस ऊर्जा का राज उनका खानपान है। मोदी जी को हेल्दी खाना पसंद है और वे अपनी डाइट में सेहतमंद पराठा भी शामिल करते हैं। बहुत लोग यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी रोजाना क्या खाते हैं और उन्हें किस तरह का खाना पसंद है।
वैसे तो मोदी जी को खाने में बहुत सी चीजें पसंद हैं लेकिन एक वीडियो (ref.) में उन्होंने बताया कि उन्हें मोरिंगा यानी सहजन के पराठे बहुत ज्यादा पसंद हैं और हफ्ते में दो से तीन बार इनका सेवन कर करते हैं। चलिए उनके जन्मदिन पर हम आपको सहजन की सब्जी के फायदे बताते हैं।सहजन क्या है?
सहजन का साउथ में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसकी फलियों को सूप, सांबार और सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसा पेड़ है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। लोग इसे सदियों से भोजन और औषधीय फायदे के लिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं। इसके फूल, फल और पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर बात करें इसमें पाए जाने पोषक तत्वों की तो यह विटामिन ए, बी1, बी2, सी, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस का अच्छा स्रोत है।
एडिमा और पेट की सूजन में सहायक
एडिमा में शरीर के ऊतकों में पानी भर जाता है, जिससे सूजन आती है। एक स्टडी (ref.) में पाया गया कि सहजन के बीज का तेल लगाने से चूहों की त्वचा की सूजन कम हुई। इसके अलावा यह पेट संबंधी दिक्कतों को कम कर सकता है। इसकी पत्तियां कॉलन कैंसर से बचा सकती हैं, इसमें हल्का लैक्सेटिव असर होता है, जिससे कब्ज में फायदा मिल सकता है, यह पेट में एसिड कम करता है, जिससे अल्सर से बचाव हो सकता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अल्सरेटिव कोलाइटिस में भी मदद कर सकते हैं।
लिवर के लिए बढ़िया और आर्थराइटिस से बचावसहजन नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से बचाव में मदद कर सकता है।यह लिवर की कोशिकाओं में फैट जमा होने को कम कर सकता है। पशुओं पर हुई एक स्टडी में सहजन का अर्क सूजन कम करने में मददगार पाया गया। इससे रूमेटॉइड आर्थराइटिस से बचाव हो सकता है।
कैंसर से बचाव और इलाज
सहजन में नियाजिमिसिन नामक कंपाउंड होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकता है। कुछ अध्ययनों (ref.) में यह पाया गया है कि सहजन के पत्ते, छाल और अन्य हिस्से कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की क्षमता रखते हैं।
दिल और दिमाग को रखता है स्वस्थ
सहजन में क्वेरसेटिन नामक तत्व पाया जाता है जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल और सूजन को कम कर सकता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा घटता है। सहजन के एंटीऑक्सीडेंट गुण नसों से जुड़ी बीमारियों जैसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस, अल्ज़ाइमर, डिप्रेशन और नर्व पेन से बचाव कर सकते हैं।
डायबिटीज में मददगार
सहजन की पत्तियों का अर्क शुगर और इंसुलिन लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। कुछ रिसर्च में पाया गया कि यह अंगों को नुकसान से भी बचा सकता है। हालांकि हाल की एक स्टडी में 40 डायबिटीज मरीजों पर इसका असर बहुत मामूली पाया गया।
और भी हैं कई फायदे
सहजन में मौजूद तत्व दमा, सांस की नलियों के सिकुड़ने और एयरवे में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकता है। सहजन में बीटा कैरोटीन पाया जाता है, जो आंखों की सेहत के लिए जरूरी है और आंखों की बीमारियों से बचाव कर सकता है। दुनिया के कई हिस्सों में सहजन का इस्तेमाल एनीमिया (खून की कमी) और सिकल सेल डिजीज के इलाज में भी किया जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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