US on China India Tariff: रूस से तेल खरीदने की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले दिनों भारत में 25 फीसद अतिरिक्त टैरिफ लगाया था. हालांकि चीन भी रूस से तेल खरीदता है, हालांकि उसने चीन पर अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगाया है. आलोचक पूछ रहे हैं कि जब चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, तो उस पर ऐसे टैक्स क्यों नहीं लगाए गए. इसको लेकर अब अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान आ गया है.
सफाई देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अगर चीन पर भी सख्त पाबंदियां (सैंक्शन) लगाई गईं, तो दुनिया भर में ऊर्जा (तेल-गैस) की कीमतें बढ़ जाएंगी और बाजार में बड़ी गड़बड़ी हो सकती है. फॉक्स बिजनेस को दिए इंटरव्यू में रुबियो ने माना कि चीन पर अमेरिका ने कोई नया सैंक्शन नहीं लगाया है, जबकि भारत पर पहले से 25% टैक्स के ऊपर और 25% टैक्स लगाया गया है. इससे भारत और अमेरिका के रिश्तों में खिंचाव आ गया है. ट्रंप ने तो यहां तक कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था ‘मरी हुई’ है.
चीन पर क्या बोले विदेश मंत्री रुबियो
जबकि भारत ने अमेरिकी की तरफ से लगाए गए इन टैक्सों को अनुचित करार दिया है और कहा कि वह अपने देश के हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा. इसको लेकर रुबियो ने कहा,’अगर चीन पर तेल खरीदने को लेकर पाबंदी लगाई जाती है, तो चीन उस तेल को रिफाइन करके वैश्विक बाजार में बेच देता है. इससे बाकी देशों को भी महंगा तेल खरीदना पड़ेगा या फिर नया विकल्प ढूंढना पड़ेगा.’
सबसे जयादा टैरिफ भारत-ब्राजील पर
अमेरिका ने भारत ने 25 फीसद अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, जिसके बाद अब कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है. यह टैरिफ 2025 में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते लगाया है. इसका मुख्य कारण रूस से तेल की खरीद है. अमेरिका के जरिए किसी भी देश पर लगाया गया यह सबसे ज्यादा टैरिफ है. भारत के अलावा ब्राजील एक ऐसा देश है जिस पर अमेरिका ने 50 फीसद टैरिफ लगाया हुआ है.
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