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सरकारी कर्मचारियों के लिये बडी खबरः काउंटडाउन हो गया शुरु-जानें पूरा मामला

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केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को रेलवे कर्मचारियों के लिए एक अहम घोषणा की है। 10.91 लाख से अधिक रेल कर्मियों को 78 दिनों के उत्पादकता से जुड़े बोनस के रूप में 1865.68 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसके बाद अब केंद्रीय कर्मियों/पेंशनरों के डीए-डीआर की दरों में बढ़ोतरी का काउंट डाउन शुरु हो गया है। सरकार ने पिछली बार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। जनवरी 2025 से लागू हुए डीए/डीआर की दर 55 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। जानकारों के मुताबिक, जनवरी 2025 से जून 2025 तक के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) के ग्राफ को देखते हुए डीए/डीआर में तीन फीसदी की वृद्धि के संकेत दिख रहे हैं। यह संभावना, छह महीने के सूचकांक के आधार पर है। अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्लू, मई 2025 के लिए 0.5 अंक बढ़कर 144.0 पर पहुंच गया था। इसके बाद जून 2025 का ऑल-इंडिया सीपीआई-आईडब्लू 1.0 अंक बढ़कर 145.0 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है।

बता दें कि सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर रखी है। इसकी सिफारिशें पहली जनवरी 2026 से लागू होनी हैं। हालांकि अभी तक आयोग के चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। श्रम ब्यूरो विभाग के अनुसार जून, 2025 के अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) में 1.0 अंक की वृद्धि दर्ज की गई है। अभी तक के ऑल-इंडिया सीपीआई-आईडब्लू द्वारा जारी छह माह के आंकड़े बताते हैं कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए पहली जुलाई 2025 से डीए/डीआर में 3 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।

ऐसे में अगले माह डीए/डीआर की दर 55 से बढ़कर 58 प्रतिशत होने की संभावना है। संभवतः केंद्र सरकार द्वारा अक्तूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में डीए/डीआर की घोषणा की जा सकती है। केंद्र सरकार ने पिछली बार डीए में दो फीसदी की वृद्धि की थी। इसकी एक अहम वजह दिसंबर 2024 के लिए ऑल-इंडिया सीपीआई-आईडब्लू में 0.8 अंक की कमी आना रही थी। तब श्रम ब्यूरो द्वारा जारी सूचकांक डेटा 143.7 अकों पर संकलित हुआ था। उससे पहले गत वर्ष दीवाली पर महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार, केंद्रीय कर्मियों व पेंशनरों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर होती है।

औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या (सीपीआई-आईडब्ल्यू) मई 2024 में 139.9 था। जून 2024 में 141.4, जुलाई 2024 में 142.7, अगस्त 2024 में 142.6, सितंबर 2024 में 143.3, अक्तूबर 2024 में 144.5, नवंबर 2024 में 144.5 और दिसंबर 2024 में सीपीआई-आईडब्ल्यू 143.7 रहा था। जनवरी 2025 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या (सीपीआई-आईडब्ल्यू) 143.2 रहा था। फरवरी में सीपीआई-आईडब्ल्यू 142.8 पर संकलित हुआ था। श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन देश परिव्याप्त 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है।

अखिल-भारत समूह-वार सूचकांक, मार्च-अप्रैल 2025 …
समूह मार्च 2025 अप्रैल 2025
खाद्य एवं पेय 146.2 146.5
पान, सुपारी, तंबाकू एवं 164.8 165.8


नशीले पदार्थ
कपड़े एवं जूते 149.4 150.4

आवास 134.6 134.6
ईंधन एवं प्रकाश 148.5 152.4
विविध 138.6 139.0
सामान्य सूचकांक 140.1 140.6

अखिल-भारत समूह-वार सूचकांक, मई 2025 …
खाद्य एवं पेय 146.9
पान, सुपारी, तंबाकू एवं 166.6
नशीले पदार्थ
कपड़े एवं जूते 151.0
आवास 134.6
ईंधन एवं प्रकाश 153.6
विविध 141.4
सामान्य सूचकांक 144.0

अखिल-भारत समूह-वार सूचकांक, जून 2025 …
खाद्य एवं पेय 148.6
पान, सुपारी, तंबाकू एवं 167.4
नशीले पदार्थ
कपड़े एवं जूते 152.0
आवास 134.6
ईंधन एवं प्रकाश 153.5
विविध 142.0
सामान्य सूचकांक 145.0

कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने डीए/डीआर की घोषणा के लिए 23 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि पहली जुलाई 2025 से प्रभावी डीए/डीआर की देय किस्त की घोषणा न होने की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। सामान्यतः इसकी घोषणा सितंबर के अंतिम सप्ताह में की जाती थी। तीन महीने का बकाया अक्टूबर के पहले सप्ताह में दिया जाता था। इसकी घोषणा में देरी को लेकर कर्मियों/पेंशनरों में गहरा असंतोष है।

परिसंघ ने उपरोक्त मामले में वित्त मंत्री के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए डीए/डीआर की तत्काल घोषणा करने की मांग की है। यादव ने इस साल संसद के बजट सत्र से पहले कैबिनेट सचिव को एक पत्र भेजा था। इस पत्र में उन्होंने महंगाई भत्ता/महंगाई राहत यानी ‘डीए/डीआर’ की गणना का कैलकुलेटर बदलने की मांग की थी। डीए की दर तय करने के लिए 12 महीने के औसत को तीन महीने के औसत से बदला जाना चाहिए। मतलब, परिवर्तनीय डीए दिया जाए। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को हर तीन महीने में वास्तविक मूल्य वृद्धि से मुआवजा मिल सकेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों का डीए इसी आधार पर तय होता है।

इतना ही नहीं, केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों के लिए अलग से ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ तैयार करने की मांग की गई है। बतौर यादव, बैंकिंग कर्मचारियों का डीए हर साल प्रत्येक तिमाही यानी फरवरी-अप्रैल, मई-जुलाई, अगस्त-अक्टूबर और नवंबर-जनवरी में संशोधित किया जाता है। यदि जनवरी में मूल्य वृद्धि हो रही है, तो इसकी आंशिक भरपाई 12 महीनों के बाद की जाती है। डीए की गणना और भुगतान छह महीने के बजाय हर तीन महीने में किया जाना चाहिए।

बतौर यादव, पॉइंट टू पॉइंट डीए प्रदान किया जाना चाहिए। अब डीए को न्यूनतम मूल्य पर राउंड ऑफ किया जाता है। जैसे हम 42.90% डीए के लिए पात्र हैं तो हमें केवल 42% डीए स्वीकृत किया जाता है। 0.9% डीए से केंद्रीय कर्मचारियों को छह महीने तक वंचित किया जाता है। केंद्र सरकार के कर्मियों को प्वाइंट-टू-प्वाइंट डीए प्रदान किया जाना चाहिए। बैंकों और एलआईसी के कर्मचारियों को प्वाइंट-टू-प्वाइंट डीए मिलता है। कर्मियों और पेंशनभोगियों के लिए अलग से उपभोक्ता सूचकांक का निर्माण करने की मांग की गई है।

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