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जापानी महिलाएं क्यों जी रही हैं 100 साल से ज्यादा? रहस्य जानकर आप चौंक जाएंगे

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जापान ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक, जापान में 100 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 95,000 से पार हो गई है। खास बात ये है कि इनमें से 88% महिलाएं हैं।

ये आंकड़ा न सिर्फ जापान की बेहतरीन हेल्थकेयर और लाइफस्टाइल को दर्शाता है, बल्कि ये सवाल भी उठाता है कि क्या भारत में भी ऐसी लंबी उम्र का सपना देखा जा सकता है? आइए, इस रहस्य को समझते हैं और जानते हैं कि क्या भारतीय डाइट में बदलाव की जरूरत है।

जापान में सेंटेनरियंस की बढ़ती संख्या

जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सितंबर 2025 तक देश में 95,119 लोग 100 साल से ज्यादा उम्र के हैं। ये संख्या पिछले साल से 4,900 ज्यादा है। 1963 में जब इस तरह के आंकड़े पहली बार दर्ज किए गए, तब सिर्फ 153 सेंटेनरियंस थे। अब ये संख्या हर साल बढ़ रही है। खासकर महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं ज्यादा है। 83,966 महिलाएं और 11,153 पुरुष इस लिस्ट में शामिल हैं। लेकिन सवाल ये है कि जापानी महिलाएं इतनी लंबी उम्र कैसे जी रही हैं?

लंबी उम्र का जापानी राज

जापान की लंबी उम्र का रहस्य उनकी डाइट, लाइफस्टाइल और सामाजिक ढांचे में छिपा है। जापानी लोग पारंपरिक रूप से मछली, सब्जियां, चावल, मिसो सूप और ग्रीन टी जैसी चीजों का सेवन करते हैं। उनकी डाइट में प्रोसेस्ड फूड और चीनी की मात्रा बहुत कम होती है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम, खासकर बुजुर्गों के लिए डिज़ाइन किए गए हल्के-फुल्के वर्कआउट, उनकी सेहत को बनाए रखते हैं। जापान में सामुदायिक समर्थन और बुजुर्गों की देखभाल के लिए मजबूत सिस्टम भी उनकी लंबी उम्र में बड़ा रोल निभाता है।

क्या है भारत का हाल?

भारत में औसत उम्र जापान की तुलना में काफी कम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में पुरुषों की औसत उम्र 69 साल और महिलाओं की 72 साल है। हमारी डाइट में तेल, चीनी और प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा इस्तेमाल एक बड़ी वजह है। इसके अलावा, तनाव, प्रदूषण और कमजोर हेल्थकेयर सिस्टम भी हमारी उम्र को प्रभावित करते हैं। लेकिन क्या हम जापान से कुछ सीख सकते हैं? क्या भारतीय डाइट में बदलाव लाकर हम भी सेंटेनरियन बन सकते हैं?

भारतीय डाइट में बदलाव की जरूरत

जापानी डाइट से प्रेरणा लेते हुए, हमें अपनी थाली में ज्यादा हरी सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल करना चाहिए। दाल, बाजरा, रागी और हल्दी जैसी चीजें हमारी परंपरागत डाइट का हिस्सा हैं, लेकिन फास्ट फूड की बढ़ती लोकप्रियता ने इन्हें पीछे छोड़ दिया है। इसके साथ ही, योग और प्राणायाम जैसी प्राचीन भारतीय प्रथाएं भी हमें फिट रख सकती हैं। लेकिन सबसे जरूरी है जागरूकता और सही खान-पान की आदतें।

जापान से सीख, भारत में लागू

जापान का मॉडल हमें ये सिखाता है कि लंबी उम्र सिर्फ अच्छी डाइट का नतीजा नहीं, बल्कि एक स्वस्थ लाइफस्टाइल और सामाजिक समर्थन का भी परिणाम है। भारत में अगर हम अपनी परंपरागत डाइट को अपनाएं, प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं और नियमित व्यायाम को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं, तो शायद हम भी 100 साल की उम्र का जश्न मना सकें। सरकार को भी चाहिए कि बुजुर्गों के लिए बेहतर हेल्थकेयर और कम्युनिटी सपोर्ट सिस्टम बनाए।

तो, क्या आप तैयार हैं अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव लाने के लिए? जापान की सेंटेनरियंस हमें बता रही हैं कि लंबी उम्र का राज सिर्फ खाने की थाली में ही नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी जीने में भी है।

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