Gallbladder Stone Causes: पित्त की थैली में पथरी की समस्या होने पर इसका केवल सर्जरी के द्वारा ही इलाज किया जा सकता है. गॉल ब्लैडर स्टोन खान-पान की गलतियों की वजह से होता है. कुछ चीजों का सेवन करने से गॉलब्लैडर स्टोन का खतरा अधिक होता है.
ऐसे में इन फूड्स को खाने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं उन फूड्स के बारे में जिसका सेवन करने से पित्त की थैली में पथरी बनती है.
फैटी फूड्स
ज्यादा मात्रा में फैटी फूड्स खाने से पित्त की थैली में पथरी बनने का खतरा अधिक होता है. ऐसे में ऑयली स्नैक्स, फास्ट फूड, जंक फूड्स और हैवी क्रीम को खाने से बचना चाहिए.
रिफाइंड कार्ब्स
रिफाइंड काब्स जैसे सफेद ब्रेड, पास्ता, रिफाइंड कार्बोहाइडेट्स का सेवन करने से पित्त की थैली में पथरी बन सकती है. लंबे समय तक रिफाइंड कार्ब्स का सेवन करने से पित्त की थैली में पथरी बनने का जोखिम बढ़ जाता है.
रेड मीट
रेड मीट की वजह से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ता है साथ ही पित्त की थैली में पथरी होने का भी खतरा बढ़ जाता है.
शुगर ड्रिंक
ज्यादा मात्रा में शुगर ड्रिंक या कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से भी पथरी बन सकती हैं. ज्यादा मात्रा में शुगर वाली ड्रिंक का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ता है जो कि पथरी का कारण बन सकता है.
डेयरी प्रोडक्ट्स
डेयरी प्रोडक्ट्स में फैट की मात्रा काफी ज्यादा होती है. ऐसे में डेयरी प्रोडक्ट्स का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से पित्त की थैली में पथरी की समस्या हो सकती है. फुल फैट जैसे आइसक्रीम, चीज, फुल फैट वाला दूध खाने से पथरी हो सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
You may also like
Jokes: बीवी – क्या है ? पति – ज़रा इधर तो आओ, बीवी – लो आ गई, अब बोलो ? पति– ये दो तार हैं,.. पढ़ें आगे
Rajasthan: झालावाड़ स्कूल हादसे पर आमने सामने हुए डोटासरा और दिलावर, शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार
Hill Station : पहाड़ों से घिरा, शांत जगह; स्वर्ग से भी सुंदर शहर, आप भी बना लें इस जगह घूमने का प्लान
बिहार विधानसभा चुनाव : ठाकुरगंज में बदलेंगे समीकरण या कायम रहेगा राजद का दबदबा?
मिंत्रा को हथकरघा की मांग में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान, भारत के कारीगरों और वस्त्र विरासत के लिए एक मंच के रूप में अपनी भूमिका को किया मजबूत