किसी भी भारतीय शादीशुदा महिला का शृंगार सिंदूर (Vermillion) के बिना अधूरा माना जाता है। हर सुहागन औरत अपनी मांग में पति के नाम का सिंदूर जरूर भरती है। हिंदू धर्म में सिंदूर को काफी अहमियत दी गई है। इससे मांग भरने को लेकर कई तरह की मानयताएं हैं। जिसमें सबसे फेमस ये है कि सिंदूर लगाने से पति की उम्र लंबी होती है।
बाजार में बिकता है नकली सिंदूरवैसे मांग में जब सिंदूर लगाया जाता है तो महिला की सुंदरता और भी निखरकर सामने आती है। बाजार में आपको कई तरह के सिंदूर मिल जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सिंदूर असली है या नकली? मार्केट में बिकने वाले अधिकतर सिंदूर नकली ही होते हैं। इन नकली सिंदूर में कई तरह के कैमिकल मिले होते हैं। ये कैमिकल आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं
नकली सिंदूर से होती हैं ये दिक्कतेंनकली सिंदूर से मांग भरने से बालों का झड़ना या स्किन में इन्फेक्शन होना जैसी दिक्कत आ सकती है। ऐसे में ये बेहद जरूरी है कि आप असली और नकली सिंदूर की पहचान करने के बाद ही उसे खरीदें। हालांकि ये पहचान सिर्फ देखने मात्र से नहीं हो सकती है। नकली और असली दोनों सिंदूर दिखने में एक जैसे ही लगते हैं। इसकी पहचान करने का एक खास तरीका होता है।
ऐसे करें असली और नकली सिंदूर की पहचानअसली और नकली सिंदूर की पहचान करने के लिए थोड़ा सा सिंदूर हाथ में लेकर उसे हथेली पर रगड़ें। अब इसे फूंक मार उड़ाने की कोशिश करें। यदि ये नहीं उड़ता और हाथ में ही चिपका रहता है तो ये नकली सिंदूर है। नकली सिंदूर में खड़िया, सिंथेटिक रंग और सीसा जैसी चीजें मिलाई जाती हैं। इसलिए ये हाथ पर से आसानी से नहीं उड़ती हैं। वहइन असली सिंदूर हथेली पर से आसानी से उड़ जाएगा।
ऐसे बनाया जाता है असली सिंदूरअब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये असली सिंदूर किन चीजों से मिलकर बनता है? और ये हमारे शरीर के लिए सेफ है भी या नहीं? दरअसल असली सिंदूर पूरी तरह से प्राकृतिक होता है। ये कमीला (Kampillaka) के पौधों से बनाया जाता है। पहले इसके फलों से बीज को निकालकर सुखाया जाता है। इसके बाद इससे बने पाउडर से सिंदूर (Sindoor) को तैयार किया जाता है।
हमारी सलाह यही होगी कि हर सुहागन महिला को कैमिकल से बने सिंदूर से दूर ही रहना चाहिए। इससे आपकी स्किन, बाल और सेहत को खतरा रहता है। हमेशा नेचुरल तरीके से बने असली सिंदूर को ही मांग में लगाएं। ये आपके लिए बेस्ट होता है।
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