घर में खुशियां बनी रहें धन का आगमन हो बीमारियों का नाश हो ऐसा कौन नहीं चाहता। आज के जमाने में ये तीनों चीजें बहुत जरूरी हैं.इन्हीं के होने से एक परिवार भरपूर माना जाता है.लेकिन सच तो यह है कि आज हर दूसरा ही नहीं अमूमन हर घर रोग-शत्रु का शिकार है एवं साथ ही आर्थिक तंगी से भी गुजर रहा है।
जीवन में कभी-कभी ग्रह बाधा, गृह बाधा, भूत बाधा और देव बाधा का सामना करना पड़ता है। हालांकि यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह कैसा है और उसके कर्म कैसे हैं।
कार्यों में आ रही परेशानियों और दुर्भाग्य को दूर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र की किताबों में कई तरह के उपाय बताए गए हैं उन्हीं में से एक है काले तिल के असरकार उपाय।
परिवार के सदस्य धन कमाने की हर कोशिश में जुटे रहते हैं लेकिन दूसरी ओर रोग के कारण यह धन पानी की तरह बहता भी चला जाता है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। ।
अंत में कुछ बचता है तो केवल दुख और और बदहाली लेकिन ऐसा आपके साथ ना हो और आप हमेशा के लिए सुखी से रहें इसके लिए एक उपाय लाए हैं।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यह उपाय सुबह-सुबह किया जा सकता है। उसके बाद पूरे दिन आप इसे नहीं कर सकते हैं।
यह उपाय इस प्रकार है : घर का हर दुख होगा दूरसुबह सूर्य उदय होने से भी पहले या कम से कम जब सूर्य उदय हो ही रहे हों उस समय घर की छत पर एक मुट्ठी ‘काले तिल’ लेकर चढ़ जाएं। इन्हें पूरे जोर से एक ही बार में छत पर फेंकते हुए फैला दें। मान्यता है कि जैसे-जैसे पक्षी आकर गिरे हुए इन दानों को खाएंगे वैसे ही घर का दुख और दरिद्रता अपने साथ ले जाएंगे।
राहु-केतु और शनि से मुक्ति हेतु : कुंडली में शनि के दोष हों या शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रहा हो तो प्रत्येक शनिवार को बहते जल की नदी में काले तिल प्रवाहित करना चाहिए। इस उपाय से शनि के दोषों की शांति होती है। आप काले तिल भी दान कर सकते हैं। इससे राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। इसके अलावा कालसर्प योग, साढ़ेसाती, ढय्या, पितृदोष आदि में भी यह उपाय कारगर है।
धन की समस्या दूर करने हेतु : हर शनिवार काले तिल, काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी गरीब व्यक्ति को दान करें। इस उपाय से पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
धनहानि रोकने हेतु : मुठ्ठी भर काले तिल को परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसारकर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी।
बुरे समय से मुक्ति हेतु : ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप करते हुए प्रत्येक शनिवार को दूध में काले तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं। इससे कैसा भी बुरा वक्त चल रहा होगा तो वह दूर हो जाएगा।
रोग कटे सुख मिले : हर रोज एक लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें काले तिल डाल दें। अब इस जल को शिवलिंग पर ऊँ नम: शिवाय मंत्र जप करते हुए चढ़ाएं। जल पतली धार से चढ़ाएं और मंत्र का जप करते रहें। जल चढ़ाने के बाद फूल और बिल्व पत्र चढ़ाएं। इससे शनि के दोष तो शांत होंगे ही पुराने समय से चली आ रही बीमारियां भी दूर हो सकती हैं।
दूसरा उपाय यह है कि शनिवार को यह उपय करें। जौ का 125 पाव (सवा पाव) आटा लें। उसमें साबुत काले तिल मिलाकर रोटी बनाएं। अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें। फिर उस पर थोड़ा-सा तिल्ली का तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें। फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें। पीछे मुड़ कर न देखें और न कोई आवाज लगाए। भैंसा कहां मिलेगा, इसका पता पहले ही मालूम करके रखें। भैंस को रोटी नहीं खिलानी है।
कार्य में सफलता हेतु : अपने हाथ में एक मुट्ठी काले तिल लेकर घर से निकलें। मार्ग में जहां भी कुत्ता दिखाई दे उस कुत्ते के सामने वह तिल डाल दें और आगो बढ़ जाए। यदि वह काले तिल कुत्ता खाता हुआ दिखाई दे तो यह समझना चाहिए कि कैसा भी कठिन कार्य क्यों न हो, उसमें सफलता प्राप्त होगी।
नजर दोष दूर करे : जब कभी किसी छोटे बच्चों को नजर लग जाती है तो, वह दूध उलटने लगता है और दूध पीना बन्द कर देता है, ऐसे में परिवार के लोग चिंतित और परेशान हो जाते है। ऐसी स्थिति में एक बेदाग नींबू लें और उसको बीच में आधा काट दें तथा कटे वाले भाग में थोड़े काले तिल के कुछ दाने दबा दें। और फिर उपर से काला धागा लपेट दें। अब उसी नींबू को बालक पर उल्टी तरफ से 7 बार उतारें। इसके पश्चात उसी नींबू को घर से दूर किसी निर्जन स्थान पर फेंक दें। इस उपाय से शीघ्र ही लाभ मिलेगा।
काले तिल के स्वास्थ्य वर्धक फायदेकाले तिल स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी है। क्योंकि इसमें विटामिन मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जो अनेक समस्याओं को दूर करने में सहायता करते हैं।
तिल | Sesameतिल स्नायी तिलो द्वर्त्ती तिल होमीतिलोदकी। तिल भुक्तिल दाता चषट्तिला: पाप नाशना:॥
अर्थात् तिल मिश्रित जल से स्नान, तिल के तेल द्वारा शरीर में मालिश, तिल से ही यज्ञ में आहुति, तिल मिश्रित जल का पान, तिल का भोजन इनके प्रयोग से मकर संक्रांति का पुण्य फल प्राप्त होता है और पाप नष्ट हो जाते हैं।
तिल के प्रकार, उसमें उपस्थित पोषक तत्व और गुणतिल तीन प्रकार के होते हैं – काले, सफेद और लाल। लाल तिल का प्रयोग कम किया जाता है। काले तिलों का प्रयोग भारतीय समाज में पूजा पाठ में होता आया है। और काले तिल ही सेहत के लिए कारगर होते हैं।
भारतीय खानपान में तिलों का बहुत महत्व है। सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर सक्रिय रहता है। तिलों में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्लेमिक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्वन पाये जाते हैं। तिल में मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड (mono-unsaturated fatty acid) होता है जो शरीर से बैड कोलेस्ट्रोल को कम करके गुड कोलेस्ट्रोल यानि एच.डी.एल. (HDL) को बढ़ाने में मदद करता है।
यह बालों को काला, घना और मजबूत बनाता है। यह त्वचा को सनबर्न से मुक्ति दिलाता है। सर्दियों में तिल के तेल को त्वचा पर लगाने से त्वचा का रूखापन दूर होता है। और चेहरे में कांती आती है। आइए जानते है All Ayurvedic के माध्यम से काले तिल खाने से होने फ़ायदों के बारे में…
काले तिल से होने वाले फ़ायदेकब्ज, अपच, एसिडिटी : रोज दस ग्राम काले तिल का सेवन गुड़ के साथ करने से पाचन क्रिया स्वस्थ रहती हैं.जिससे कब्ज अपच एसिडिटी की समस्या दूर होती हैं। इसके अलावा काला तिल पाचन तंत्र सबंधित अनेक समस्याओं को दूर करता हैं।
ब्लड शुगर लेवल और मोटापा : काला तिल शरीर की वसा और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित बनाए रखने में मददगार है। यह पाचन क्रिया में सुधार और चर्बी गलाकर वजन कम करने में उपयोगी हैं।
बिस्तर पर पेशाब करना : 200 ग्राम गुड़ में 100 ग्राम काले तिल एवं 50 ग्राम अजवायन मिलाकर 10-10 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार चबाकर खाने से लाभ होता है।
बालों की सभी प्रकार की समस्याएं : काला तिल त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है। काला तिल चेहरे के मुँहासे दूर करने के साथ ही त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते है। रोज 10 ग्राम काले तिल का सेवन करने से त्वचा निखरी और मुलायम बनी रहती है। वह बालों की सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है।
मस्तिष्क के अनेक रोग : रोज 10 ग्राम काले तिल का सेवन करने से दिमाग तेज होता हैं। वह मस्तिष्क के अनेक रोगों को दूर करता हैं। इसलिए काला तिल हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
प्रतिरोधक क्षमता : काले तिल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते है। जो रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बेहद फायदेमंद है।
एड़ियों के फटने की समस्या : यदि आप एड़ियों के फटने की समस्या से परेशान है तो आप काले तिल के तेल को शुद्ध मोम के साथ मिलाकर एड़ियों में लोशन की तरह लगाने से एड़ियो की फटी त्वचा कुछ ही दिनों मे ठीक होती है।
खुनी बवासीर : 50 ग्राम काले तिलों को सोखने योग्य पानी में भिगोये। लगभग 30 मिनट जल में भीगे रहने के बाद उन्हें पीसकर उसमें लगभग एक चम्मच मक्खन एंव दो चम्मच मिश्री मिला दें। इसका प्रतिदिन दो बार सेवन करने से खूनी बवासीर (रक्तार्श) में लाभ होता है।
बवासीर : काले तिल चबाकर उपर से ठंडा जल पीने से बादी बवासीर ठीक हो जाता है। या तिल पीसकर गर्म करके मस्सो पर लेप करने या बाधने से भी बवासीर में लाभ होता है। इसके साथ तिल के तेल का एनिमा (बासी) देने से आते चिकनी होकर शौच के गुच्छे निकल जाते है। जिससे धीरे धीरे रोग समाप्त हो जाने लगता है।
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