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चीनी रेयर अर्थ के 'भरोसे' नहीं ये देसी कंपनी, ऐसे बनाएगी गाड़ियां, खरीदारों की चिंता खत्म

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रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात पर चीन के प्रतिबंधों का असर अब दुनियाभर में दिखने लगा है. अप्रैल से शुरू हुआ प्रतिबंध अगस्त आते-आते असर दिखा रहा है. भारत में भी कई वाहन निर्माता कंपनियां इस कीमती पदार्थों की कमी से जूझ रही हैं और वैकल्पिक रास्ता तलाश रही हैं. इस बीच देश की सबसे बड़ी SUV कंपनी महिंद्रा आने वाले 9 महीनों तक रेयर अर्थ मैग्नेट की पूर्ति को वैकल्पिक स्रोतों के जरिए पूरी करने की योजना बना रही है. साथ ही कंपनी इस महत्वपूर्ण कच्चे माल की कमी को दूर करने के लिए इंजीनियरिंग स्तर पर प्रयास भी करेगी, क्योंकि उसका प्रोडक्ट पोर्टफोलियो लगातार बढ़ रहा है.

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को रेयर अर्थ मैग्नेट की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. ये चुंबकें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के साथ-साथ पेट्रोल/डीजल इंजन वाले वाहनों में भी इस्तेमाल होते हैं और वाहन निर्माण के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं. चीन के पाबंदियां लगाने से पूरी सप्लाई चेन में बाधाएं आई हैं, जिससे ऑटो सेक्टर समेत कई इंडस्ट्रीज प्रभावित हुई हैं. ये रेयर अर्थ मैग्नेट ऑटोमोबाइल और रिन्यूवल एनर्जी जैसे क्षेत्रों में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.

महिंद्रा ने खोजा दूसरा रास्ते

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिंद्रा ने रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से निपटने के लिए वैकल्पिक रास्तों को अपना लिया है. कंपनी ने अब अन्य सोर्स के जरिए स्टॉक इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अमरज्योति बरुआ ने कहा, “हमने जो कदम उठाए हैं, उनके आधार पर वित्त वर्ष 2025-26 की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. अब हमें मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए काम करना होगा.”

इंजीनियरिंग में मेहनत की जरूरत

बरुआ ने यह भी बताया कि अब तक कंपनी की यह रणनीति सफल रही है और आने वाले 9 महीनों तक किसी बड़े जोखिम की आशंका नहीं है. उन्होंने आगे कहा, “लेकिन हमारी जो विकास योजनाएं हैं, उन्हें देखते हुए हमें अब केवल छोटे-छोटे उपायों से आगे बढ़कर एक बड़े स्तर की तैयारी करनी होगी. इसके लिए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में और भी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी.” उन्होंने यह भी कहा कि महिंद्रा के इंजीनियर इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तकनीकी तरीकों पर काम कर रहे हैं.

मारुति और हुंडई भी करेगी यही काम

दिलचस्प बात यह है कि महिंद्रा के CFO का यह बयान मारुति सुजुकी की टिप्पणी से मेल खाता है. पिछले सप्ताह मारुति सुजुकी ने भी कहा था कि उनके इंजीनियर रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से निपटने पर काम कर रहे हैं और अब तक इसका उनके उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है. इसके अलावा हुंडई मोटर इंडिया ने भी कहा है कि रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी के बावजूद उन्हें उत्पादन में किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है.

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