उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर में एक महिला ने दो बच्चों और पति को छोड़कर अपने प्रेमी का हाथ थाम लिया और शादी रचा ली. लेकिन बड़ी बात तो ये है कि ये शादी महिला के पति ने ही कराई है और खुद अपने हाथों से अपनी पत्नी को उसके प्रेमी को सौंप दिया है.
मंदिर में कराई अपनी पत्नी की शादी
दरअसल, पूरा ममला उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में धनघटा थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां पति ने अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से करा दी. पहले पति ने अपनी पत्नी के साथ कोर्ट से नोटरी बनायी और उसके बाद एक मंदिर में अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी के साथ करा दी. यह बात जंगल में बड़ी तेजी से आग लगने जैसी थी और इलाके में चर्चा का विषय बन गई.
तोड़ी 9 साल की शादी और छोड़ दिए दो बच्चे
जानकारी के मुताबिक लोगों ने बताया कि महिला की शादी 2017 में हुई थी. महिला और उसके पति के दो बच्चे भी हुए. इसी बीच महिला की गांव के रहने वाले एक युवक से आंखें चार हो गईं. यह रिश्ता धीरे-धीरे गांव में चर्चा का विषय हो गया. जब यह बात महिला के पति को पता लगी तो उसने पहले पत्नी को समझाने का प्रयास किया. जब इससे बात नहीं बनी तो उसने गांव वालों के सामने यह बात रखी कि मेरी पत्नी तय करेगी कि वह मेरे साथ रहना चाहती है या फिर अपने प्रेमी के? महिला ने जवाब में प्रेमी के साथ रहने की इच्छा जताई तो तो सारा समाज दंग रह गया.
‘…बच्चों को मैं खुद पाल लूंगा’
पति ने कहा ठीक है हम तुम्हारी शादी तुम्हारे प्रेमी के साथ करा देते हैं और बच्चों को मैं खुद पाल लूंगा. महिला बच्चों को छोड़ने के लिए भी राजी हो गई तो समाज ने उसका और उसके प्रेमी का जयमल करा दिया। पति इन सब का साक्षी बना रहा.
दरअसल, धनघटा थाना क्षेत्र के कटार जोत गांव के बबलू पुत्र कल्लू की शादी साल 2017 में गोरखपुर जिले के बेल घाट थाना क्षेत्र के भूलनचक गांव निवासी तौली राम की बेटी राधिका के साथ हुई थी. दोनों पति-पत्नी खुशी-खुशी अपना जीवन यापन कर रहे थे. शादी के आठ सालों के दौरान उनके दो बच्चे भी हुए. बड़ा बच्चा सात साल का आर्यन और दो साल की बेटी शिवानी हैं.
पत्नी को उसके प्रेमी को सौंपा और चल पड़ा
बबलू रोजी-रोटी कमाने के लिए अक्सर घर से बाहर रहता था.इसी बीच गांव के रहने वाले एक युवक से राधिका का संबंध हो गया और यह लंबे समय तक चलता रहे. जब इसकी जानकारी परिवारवालों को हुई तो उन्होंने बबलू को बताया. वह घर लौटा तो तमाम घटनाओं को नजर में रखते हुए उसने पत्नी की शादी कराने का फैसला लिया और उसे उसके प्रेमी के हवाले कर दिया. इसके बाद वह खुद अपने दो बच्चों के साथ जीवन की नई पारी की ओर चल पड़ा.
यह बड़ी अजीब बात है कि जहां समाज में ऐसे मामलों में हत्या जैसी घटनाएं देखने और सुनने को मिलती है. वहीं इन सब को दरकिनार करते हुए बबलू ने एक मिसाल कायम की है. यह समाज के लिए एक संदेश है , एक आईना है कि दो प्यार करने वालों के बीच इन दो मासूमों का क्या कसूर था जिनकी जिंदगी से मां शब्द इतना दूर चला गया.
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