बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सीमांचल की सियासी जमीन पर शनिवार को असदुद्दीन ओवैसी ने ऐसा हमला बोला.उन्होंने महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि “जो अपने भाई का नहीं हुआ, वो मुसलमानों का क्या होगा.” ओवैसी ने वक्फ कानून को लेकर भी तेजस्वी और नीतीश दोनों सरकारों पर साजिश का आरोप जड़ा.
ओवैसी ने शनिवार को दो बड़ी सभाओं में विपक्ष पर करारा हमला बोला और सबसे ज्यादा निशाने पर रहे महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी तेजस्वी यादव. ओवैसी ने कहा, “वक्फ कानून को कूड़ेदान में डालने की बात करने वाले मुसलमानों को धोखा दे रहे हैं. जो अपने भाई का नहीं हुआ, वो मुसलमानों का क्या होगा?” .
वक्फ कानून बना सियासत का मुद्दा .
तुलसिया हाई स्कूल मैदान में हुई सभा में ओवैसी ने सीधे तेजस्वी यादव पर वार किया.
उन्होंने कहा, “जिस वक्फ कानून को संसद ने पारित किया है, उसे बिहार में कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है? तेजस्वी यादव को कानून की समझ नहीं और वे मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं.”
उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ कानून के नाम पर मस्जिदों, कब्रिस्तानों और इमामबाड़ों की जमीन हड़पने की साजिश हो रही है और नीतीश कुमार ने भी इस कानून का समर्थन किया था. ओवैसी बोले, “यह सिर्फ मुसलमानों का मामला नहीं, यह इंसाफ का मामला है. हम सुप्रीम कोर्ट में इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.”
‘तीन फीसदी डिप्टी सीएम बन सकता है, तो 17 फीसदी सीएम क्यों नहीं?’
सभा में ओवैसी ने सीमांचल की भीड़ से सीधा सवाल किया. “अगर तीन फीसदी आबादी वाला नेता उपमुख्यमंत्री बन सकता है, तो 17 फीसदी मुसलमान मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता?”
उन्होंने कहा कि सीमांचल की आवाज को अब सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. “हमें सिर्फ भीड़ समझा गया, नेतृत्व का अधिकार नहीं दिया गया” ओवैसी ने कहा. उनका यह बयान मुसलमानों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व की बहस को फिर तेज कर गया.
तेजस्वी पर हमला, “जो अपने भाई का नहीं हुआ…”
ओवैसी ने मंच से कहा कि तेजस्वी यादव सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ देखते हैं. “जब उन्हें जरूरत थी, तो उन्होंने हमारे चार विधायकों को तोड़ लिया. आज उन्हीं में से तीन को टिकट भी नहीं दिया. जो अपने भाई का नहीं हुआ, वो मुसलमानों का क्या होगा?”
उन्होंने कहा कि महागठबंधन की राजनीति “साझेदारी” नहीं, बल्कि “सुविधा” की राजनीति है जो चुनाव खत्म होते ही खत्म हो जाती है.
नीतीश कुमार और लालू यादव पर भी वार,’35 साल का जंगलराज’
ओवैसी ने नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों पर एक साथ प्रहार करते हुए कहा, “बिहार में पिछले 35 साल से लालू और नीतीश का जंगलराज चल रहा है. गरीबों के बच्चे आज भी शिक्षा और रोजगार से वंचित हैं. सिर्फ नारे बदलते हैं, हालात नहीं.”
उन्होंने कहा कि बिहार के सीमांचल, सिवान, कटिहार जैसे जिले अब भी पिछड़ेपन और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं “क्योंकि जिनके पास सत्ता रही, उन्होंने सिर्फ कुर्सी की चिंता की, जनता की नहीं.”
सीमांचल में ओवैसी की रणनीति,मुसलमानों का नया विकल्प
ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम सीमांचल के किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया जैसे जिलों में सक्रिय है. 2020 के चुनाव में उन्होंने पांच सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था, हालांकि बाद में चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए.
अब ओवैसी इन्हीं इलाकों में नए सिरे से जमीन तलाश रहे हैं. उनका मकसद साफ है, मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक नहीं, राजनीतिक विकल्प बनाना.
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