Investment Tips: अगर आप भी अपने निवेश पर मोटा फंड चाहते है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल आपको बता दें कि आप एक लाख के निवेश पर एक करोड़ रुपये का फंड तैयार कर सकते है… लेकिन इसके लिए जरूरी है निवेश के इस सही फॉर्मूले को जान लेना-
निवेश में कितनी राशि लगाते हैं, यह जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है कि आप कितने समय तक निवेश करते हैं। कंपाउंडिंग की शक्ति (Power of compounding) तभी काम करती है जब आप लंबे समय तक निवेशित रहते हैं। आपके निवेश पर मिलने वाला रिटर्न मूलधन में जुड़ता जाता है, जिससे हर साल अधिक रिटर्न मिलता है। इस तरह, लंबी अवधि में कंपाउंडिंग आपके निवेश को कई गुना बढ़ा देती है। (Investment tips)
जल्द निवेश शुरू करने के फायदें-
इसे एक उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है। मान लीजिए आप एक लाख रुपये का निवेश करते हैं, जिस पर आपको सालाना 12 फीसदी रिटर्न मिलेगा। आप इस पैसे को बढ़ने का मौका देते हैं, इसमें से एक रुपया भी नहीं निकालते हैं। आप किस उम्र में यह निवेश करते हैं, उससे काफी बड़ा फर्क देखने को मिलेगा।
20 साल की उम्र में निवेश करने पर ज्यादा फायदा-
गर आप 20 साल की उम्र में 1 लाख रुपये का निवेश करते हैं, तो 60 साल की उम्र तक, 40 सालों में यह राशि 1 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है – यानी आपके शुरुआती निवेश का लगभग 100 गुना। यह इसलिए होता है क्योंकि आपका पैसा हर साल तेजी से बढ़ता रहता है, जिससे ब्याज पर भी ब्याज मिलता है।
30 साल की उम्र में निवेश करने पर कम फायदा-
अब हम यह मान लेते हैं कि आपने 10 साल देर से यानी 30 साल की उम्र में यह निवेश किया। तो आपके 60 साल के होने तक यह पैसा सिर्फ 30 गुना होगा। इसका मतलब है कि आपका 1 लाख रुपये का निवेश 30 लाख रुपये हो जाएगा। सिर्फ 10 साल देर से निवेश शुरू करने से 70 लाख रुपये वेल्थ कमाने का मौका आपके हाथ से निकल गया।
40 साल की उम्र में निवेश करने पर काफी कम फायदा-
अब हम देखते हैं कि 40 साल की उम्र में निवेश शुरू करने पर क्या होता है। 40 साल की उम्र में निवेश शुरू करने पर इनवेस्टमेंट को बढ़ने के लिए सिर्फ 20 साल का समय मिलता है। तब आपका एक लाख रुपये का इनवेस्टमेंट (investment) सिर्फ 10 गुना बढ़ता है यानी यह सिर्फ 10 लाख रुपये होता है। यह रिटर्न खराब नहीं है, लेकिन उस रिटर्न से काफी कम है, जो आपको 20 साल की उम्र में इनवेस्टमेंट करने पर मिलता है।
निवेश का समय नहीं, निवेश की अवधि अहम है-
ऊपर के उदाहरण से पता चलता है कि इनवेस्टमेंट में यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप कब निवेश करते हैं बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि आप कितना जल्द निवेश शुरू करते हैं। कंपाउंडिंग (compounding) का मैजिक तभी काम करता है, जब इनवेस्टमेंट को बढ़ने के लिए लंबा समय मिलता है। शुरुआती सालों में आपका पैसा धीर-धीरे बढ़ता है। लेकिन, बाद में खासकर आखिर में यह काफी तेजी से बढ़ता है। इसकी वजह कंपाउंडिंग है।
कंपाउंडिंग तभी काम करती है जब निवेश लंबे समय के लिए होता है-
इसका मतलब है कि आप जितनी कम उम्र में निवेश शुरू करेंगे, रिटायरमेंट तक उतना बड़ा फंड बना पाएंगे। 20-22 साल की उम्र से ही छोटी रकम का निवेश शुरू करने पर भी, कंपाउंडिंग के जादू और अनुशासन-धैर्य की बदौलत आप बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। याद रखें, आज का छोटा निवेश, जैसे कि 1 लाख रुपये, भविष्य में 1 करोड़ रुपये या उससे भी ज़्यादा बन सकता है।
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