शिमला : हाल ही में केंद्र सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत दी। जीएसटी के 12 और 18 प्रतिशत के स्लैब को हटाकर लगभग सभी उत्पादों को 5 और 18 प्रतिशत में शामिल किया गया, और इसे बड़े बदलाव को बीती 22 सितंबर से पूरे देश में लागू भी कर दिया गया। ऐसे में हमने हिमाचल के बाजारों में यह जानने की कोशिश की कि सरकार के इस बड़े बदलाव के बाद कारोबार पर कितना फर्क पड़ा है, और यकीनन रिजल्ट चौंकाने वाले हैं, GST दरों में कटौती का असर सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दो दिन में ही इसका असर बाज़ार की रौनक में साफ झलकने लगा है। दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगी है, ग्राहकों के चेहरे खिले और कारोबारियों की उम्मीदें फिर से परवान चढ़ने लगीं है। GST कम होने का सबसे बड़ा असर दिखा है। गाड़ियों की कीमत में आई गिरावट पर टाटा, मारुति सुजुकी हुंडई समेत कई कंपनियों की इन दिनों दबाकर बिक्री हो रही है। एक आंकड़े के अनुसार जीएसटी घटने के बाद मारूति को पहले नवरात् पर लगभग 80,000 पूछताछ मिलीं और उसने करीब 20 से 30,000 गाड़ियां डिलीवर कीं। वहीं टाटा ने भी देश के अलग अलग कोने में 15 से 20 हजार के करीब गाड़िया बेची। इसी तरह हुंडई की भी एक दिन की सेल कई करोड़ों में है। लगभग 10 से 15 हजार गाड़ियां हुडई की बिकी हैं।
इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, रेडीमेड कपड़े और घरेलू सामान की बिक्री में तेजी आई है। हिमाचल के बाजार तो वैसे ही पिछले कुछ समय सेआपदा के कारण उजड़ गए थे। लेकिन अब यहां फिर रौनक लौट रही है। दिव्य हिमाचल संवाददाता मोहिनी और उनके सहयोगी ने बाजार में जा कर दुकानदारों से खास बातचीत की है। हालांकि अधिकतर व्यापारी इस फैसले से काफी राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि उम्मीद है कि अब मार्केट में हर चीज की डिमांड बढ़ेगी। लेकिन इसी के साथ कुछ व्यापारी थोड़े परेशान भी हैं। क्योंकि कई जगह अभी भी बाजारो में जो पुराने दाम पर खरीदा हुआ सामान है उस पर ज्यादा छूट नहीं दी जा रही। कई जगह रिटेलर के पास अभी रिवाइजड प्राइस नही मिल पा रहे हैं। तो वो अपने सामान और उसके दाम को लेकर थोड़ा असमंजस में कई जगह ये देखा जा रहा है कि तैयार माल पर तो GST कम हैं मगर कच्चे माल पर कोई असर नहीं पड़ा है।
जो व्यापारियों को कन्फयूज कर रहा है। तो देखिए भले ही चुनौतियां हैं, मगर इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि gst स्लैब में बदलाव के साथ ही आधे से ज्यादा आम आदमी की जरुरत की चीजें सस्ती हो गई हैं। व्यापारी संगठनों का मानना है कि GST में यह कटौती न सिर्फ छोटे कारोबारियों को सहारा देगी, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास भी मज़बूत करेगी। आने वाले समय में भी सरकार अगर इसी तरह समय-समय पर राहत देती रही तो बाज़ार की रौनक और रोज़गार दोनों पटरी पर लौटेंगे। खैर अब सबकी निगाह इस बात पर टिकी है कि त्यौहारी सीजन के बाद भी बाजारों में रौनक बनी रहती है या नहीं ।
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