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जिस वायनाड ने राहुल गाँधी को दी 'शरण', जिसने प्रियंका वाड्रा को लोकसभा पहुँचाया, वहाँ एक-एक कर खुद की ही जान क्यों ले रहे कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता?

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केरल की वायनाड लोकसभा सीट से राहुल-प्रियंका को लगातार चुनाव जिताने के चक्कर में कार्यकर्ता कर्ज के बोझ तले दब गए और अब जान देने को मजबूर हैं।

केरल के वायनाड जिले में कॉन्ग्रेस पार्टी इन दिनों भारी संकट से जूझ रही है।

यह वही इलाका है जहाँ पहले राहुल गाँधी सांसद थे और उन्होंने दो बार यहाँ से चुनाव जीता। बाद में उन्होंने सीट छोड़ दी और अपनी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा को यहाँ से सांसद बनवाया। लेकिन अब वायनाड कॉन्ग्रेस का गढ़ कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। पार्टी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता लगातार आत्महत्या कर रहे हैं या सुसाइड की कोशिश कर रहे हैं।

इन सब के पीछे जो वजह हैं, वो हैं- पार्टी के अंदरूनी कलह, भ्रष्टाचार, कर्ज के जाल और वादाखिलाफी। कई कार्यकर्ताओं ने कॉन्ग्रेस पार्टी के काम के लिए करोड़ों का लोन लिया था, पार्टी ने वादा किया था कि पैसे लौटाने में मदद करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कर्ज चुकाने के दबाव में पिता-पुत्र ने जान दे दी, अब बहू ने भी सुसाइड नोट लिखकर पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए जान देने की कोशिश की।

कुछ दिन पहले ही एक नेता को फर्जी केस में फँसाया गया, जिसके बाद दूसरे नेता ने जान दे दी। ये घटनाएँ कॉन्ग्रेस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं। केरल की वायनाड लोकसभा सीट से राहुल-प्रियंका को लगातार चुनाव जिताने के चक्कर में कार्यकर्ता कर्ज के बोझ तले दब गए और अब जान देने को मजबूर हो रहे हैं। पार्टी ने कर्ज चुकाने का वादा किया था, लेकिन पिता-पुत्र की मौत के बाद भी मदद नहीं की। कर्जदार पैसे माँग रहे थे, तो बहू ने सुसाइड नोट में कॉन्ग्रेस को कातिल बताया। ये सब पार्टी की खराब व्यवस्था की वजह से हो रहा है। प्रियंका गाँधी ने हाल ही में वायनाड का दौरा किया, लेकिन इन मुद्दों पर चुप्पी साधे रही।

वायनाड में कॉन्ग्रेस ने कराया जॉब स्कैम, बेरोजगारों से की ठगी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली बड़ी घटना दिसंबर 2024 की है, जब पूर्व डिस्ट्रिक्ट कॉन्ग्रेस कमिटी (डीसीसी) ट्रेजरर एनएम विजयन और उनके बेटे जिजेश ने आत्महत्या कर ली। विजयन लंबे समय से कॉन्ग्रेस के वफादार कार्यकर्ता थे। उन्होंने पार्टी के काम के लिए करीब 2.5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।

ये कर्ज सुल्तान बाथेरी कोऑपरेटिव बैंक में नौकरियों के नाम पर लिया गया था। उन पर पार्टी के जिलाध्यक्ष एनडी अप्पाचन, पूर्व डीसीसी प्रेसिडेंट आईसी बालाकृष्णन एमएलए, पूर्व ट्रेजरर केके गोपीनाथन मास्टर और अन्य ने घोटाला करने के लिए दबाव डाला। उनसे जॉब के बदले कैश स्कैम कराया। लोग नौकरी के लिए लाखों रुपये देते थे, लेकिन नौकरी नहीं मिली। स्कैम फेल हो गया तो सारा बोझ विजयन पर आ गया।

विजयन ने अपनी संपत्ति गिरवी रख दी, लेकिन कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं बचे। पार्टी ने वादा किया था कि कर्ज की जिम्मेदारी लेगी, लेकिन सिर्फ थोड़ी मदद की। केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी (केजेपीसीसी) ने कहा कि वो बाइंडिंग एग्रीमेंट नहीं था, सिर्फ मानवीय मदद है। विजयन ने 25 दिसंबर 2024 को जहर खाकर सुसाइड की कोशिश की, उनके बेटे जिजेश ने भी ऐसा ही किया। दोनों 27 दिसंबर को मर गए।

विजयन ने अपने सुसाइड नोट में सीधे अप्पाचन, बालाकृष्णन और गोपीनाथन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने लिखा कि इन नेताओं ने उन्हें फँसाया और अब मदद नहीं कर रहे। परिवार का कहना है कि विजयन ने पार्टी के लिए सब कुछ किया, लेकिन बदले में धोखा मिला।

पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर एमएलए बालाकृष्णन और तीन अन्य पर एबेटमेंट टू सुसाइड का केस दर्ज किया। लेकिन पार्टी ने इन नेताओं को अभी तक कोई सजा नहीं दी। परिवार आज भी कर्ज के बोझ तले दबा है। विजयन के बेटे ने कहा कि पिता ने पार्टी को बचाने के लिए खुद को झोंक दिया, लेकिन पार्टी ने पीठ दिखा दी। ये केस दिखाता है कि कैसे कॉन्ग्रेस पार्टी के अंदर के भ्रष्टाचार ने विजयन और उनके बेटे की जान ले ली।

बदनामी से परेशान नेता को देनी पड़ी जान

दूसरी घटना 12 सितंबर 2025 की है, जिसमें मुल्लानकोली पंचायत सदस्य जोस नेलेडम ने आत्महत्या कर ली। जोस कॉन्ग्रेस के स्थानीय नेता थे और मुल्लानकोली ग्राम पंचायत के वॉर्ड मेंबर थे। उनकी मौत पार्टी के अंदरूनी कलह की वजह से हुई।

दरअसल, कुछ दिन पहले जुलाई में एक डेवलपमेंट सेमिनार में डीसीसी प्रेसिडेंट अप्पाचन पर हमला हुआ था। ये फैक्शनल फाइट का नतीजा था। उसके बाद कनत्तुमालयिल थंकाचन, जो मारक्काडावु के लोकल कॉन्ग्रेस नेता हैं, को अवैध शराब और कंट्री बॉम्ब्स के केस में गिरफ्तार किया गया। थंकाचन 17 दिनों तक जेल में रहे। बाद में पुलिस ने कोर्ट में कहा कि केस फर्जी था और थंकाचन को रिहा कर दिया।

थंकाचन ने आरोप लगाया कि अप्पाचन गुट ने उन्हें फंसाया, जिसमें जोस भी शामिल थे। इसके बाद जोस पर साइबर अटैक शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर उन्हें बदनाम किया गया, अपमानित किया गया। जोस ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया। सुसाइड से पहले जोस ने जहर खाया, कलाई काटी और तालाब में कूद गए। पड़ोसी ने उन्हें पाया और हॉस्पिटल ले गए, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई।

सुसाइड नोट में जोस ने लिखा, “पार्टी ने संकट में साथ नहीं दिया, साइबर अटैक ने तोड़ दिया।” डीसीसी प्रेसिडेंट अप्पाचन ने माना कि पार्टी के अंदर ताकतें जिम्मेदार हैं। लेकिन पार्टी ने इसे कवर-अप करने की कोशिश की। मलयाला मनोरमा और मथ्रुभूमि जैसे अखबारों में जोस के नोट को छिपाया गया। ये सबकुछ प्रियंका गाँधी के वायनाड दौरे के समय हुआ, लेकिन उन्होंने चुप्पी साधे रखी।

विजयन की परेशान बहू ने दी जान देने की कोशिश

वायनाड की तीसरी घटना 13 सितंबर 2025 की है, जब एनएम विजयन की बहू पद्मजा ने सुसाइड की कोशिश की। पद्मजा 2024 में आत्महत्या कर लेने वाले विजयन की बहू हैं। उन्हें उनका बेटा प्राइवेट हॉस्पिटल ले गया।

सुसाइड नोट में पद्मजा ने लिखा, “किलर कॉन्ग्रेस, यहाँ एक और विक्टिम।” उन्होंने कहा कि पार्टी ने कर्ज नहीं चुकाया, जिसकी वजह से परिवार टूट रहा है। पद्मजा ने 12 सितंबर को मीडिया से कहा था कि पार्टी ने 30 जून 2025 तक 2.5 करोड़ का कर्ज चुकाने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 20 लाख दिए।

पद्मजा ने एमएलए टी सिद्दीक पर भी आरोप लगाया कि वो लिखित वादों को पूरा नहीं कर रहे। अस्पताल बिल तक के पैसे नहीं दे रहे। प्रियंका गाँधी ने परिवार को सपोर्ट का आश्वासन दिया था, लेकिन 13 सितंबर को वायनाड विजिट के दौरान भी नहीं मिलीं। पद्मजा ने पूछा, “क्या हमें मरना पड़ेगा तभी कॉन्ग्रेस को आँखें खुलेगी?”imageअस्पताल में पद्मजा (फोटो साभार: Deshabhimani)

पद्मजा ने एक ऑडियो क्लिप जारी की, जिसमें थिरुवनचूर राधाकृष्णन कह रहे हैं कि पार्टी को कर्ज चुकाना चाहिए था। लेकिन पार्टी कह रही है कि कुछ कर्ज सेटल हो गया। ये सुसाइड अटेम्प्ट ने वायनाड में विरोध प्रदर्शन भड़का दिए।

आत्महत्या के कम से कम 5 मामले, लेकिन राहुल-प्रियंका ने साधी चुप्पी

वायनाड में कॉन्ग्रेस का ये संकट नया नहीं है। पिछले दशक में कम से कम पाँच कार्यकर्ताओं ने आत्महत्या की है। 2015 में पीवी जॉन, मनांथावादी ब्लॉक कॉन्ग्रेस कमिटी के प्रेसिडेंट ने पार्टी ऑफिस में ही फाँसी लगा ली थी। वो लोकल बॉडी इलेक्शन में हार के बाद अपमानित हो रहे थे। इसके अलावा साल 2023 में राजेंद्रन नायर ने सुसाइड किया, क्योंकि कॉन्ग्रेस कंट्रोल्ड प्राइमरी कोऑपरेटिव बैंक पुलप्पल्ली में उनके लैंड डॉक्यूमेंट्स का दुरुपयोग करके लोन लिया गया। पूर्व डीसीसी प्रेसिडेंट केएल पौलोस और जनरल सेक्रेटरी केके अब्राहम पर केस हैं। ये सभी घटनाएँ फैक्शनल फाइट, भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी से जुड़ी हैं।imageपीवी जॉन, NM विजयन और बेटा जितेश (फोटो साभार: OnManorama)

प्रियंका बदलना चाहती हैं नेता, इतनी जान लेने बाद

प्रियंका गाँधी ने वायनाड की हालत पर नाराजगी जताई है। उन्होंने केपीसीसी से रिपोर्ट माँगी और डिस्ट्रिक्ट लीडरशिप चेंज की माँग की। अप्पाचन को हटाने की बात चल रही है। हटाए जाने वाले नामों में टीजे आइजैक और केई विनयान शामिल हैं। प्रियंका ने कहा कि मंडक्कई-चूरालमाला लैंडस्लाइड विक्टिम्स के लिए हाउसिंग प्रोजेक्ट में देरी हो रही है, क्योंकि डीसीसी साथ नहीं दे रही है। वो फंड्स जुटाने को तैयार थीं, लेकिन लोकल लीडर्स ने काम नहीं किया।

अंडरवर्ल्ड गैंग जैसी हो गई है कॉन्ग्रेस

विपक्षी सीपीएम कह रहा है कि कॉन्ग्रेस अंडरवर्ल्ड गैंग जैसी हो गई है। सीपीएम लीडर एमवी जयराजन ने विजयन परिवार का कर्ज चुकाने का ऐलान किया। मंत्री वी शिवंकुट्टा ने कहा कि कॉन्ग्रेस मर्डर, सुसाइड एबेटमेंट और वायलेंस का प्रतीक है।

इन सबके बीच, कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता निराश हैं। एक नेता ने कहा कि पार्टी ने अपना मास बेस खो दिया। केरल में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) पंचायत इलेक्शन की तैयारी कर रहा है, लेकिन ये सुसाइड्स ने पार्टी को पैरालाइज्ड कर दिया।

कॉन्ग्रेस को अब अपनी कार्यप्रणाली सुधारनी होगी। कार्यकर्ता जो पार्टी के लिए जान देते हैं, उन्हें धोखा नहीं मिलना चाहिए। वायनाड जैसे ट्रेडिशनल स्ट्रॉन्गहोल्ड में ये संकट पार्टी की साख को बर्बाद कर रहा है। समाज को ऐसी पार्टी से उम्मीद नहीं करनी चाहिए जो अपने ही लोगों को मार डालती है। ये समय है कि कॉन्ग्रेस आँखें खोले और सुधार करे, वरना वायनाड में उनका गढ़ ढह जाएगा।

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