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हिन्दुस्तान जिंक में 55% कार्यकारी इंजीनियर बना रहे हैं भविष्य की मजबूत नींव

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उदयपुर, 14 सितंबर 2025 । हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, दुनिया की सबसे बड़ी और भारत की एकमात्र एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी, अपने इंजीनियरों की मेहनत और नवाचार पर गर्व महसूस कर रही है। इंजीनियर्स डे के अवसर पर कंपनी ने बताया कि वर्तमान में 55 प्रतिशत कार्यकारी पदों पर इंजीनियर कार्यरत हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि तकनीकी दक्षता, समस्या-समाधान और नवाचार ही कंपनी की प्रगति का असली आधार हैं।

पिछले पांच वर्षों में कार्यकारी स्तर पर इंजीनियरों की संख्या लगातार बढ़ते हुए अब 55% हो चुकी है। कंपनी के विभिन्न क्षेत्रों — इंजीनियरिंग, मेटलर्जी, माइनिंग, डिजिटलीकरण, सप्लाई चेन, फाइनेंस और आईटी — में इन इंजीनियरों ने असाधारण योगदान दिया है। फिलहाल, हिन्दुस्तान जिंक में 1490 से अधिक कार्यकारी इंजीनियर कार्यरत हैं, जिनमें से 270 से ज्यादा महिला इंजीनियर भी शामिल हैं।

महिला इंजीनियर पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में बाधाओं को तोड़ रही हैं। इनमें भारत की पहली महिला खदान प्रबंधन टीम का हिस्सा बनना, भूमिगत खदान बचाव दल का नेतृत्व करना और स्मेल्टर्स व प्रयोगशालाओं में अहम परिचालन भूमिकाएं निभाना शामिल है।

नई प्रतिभा और भविष्य की रणनीति

कंपनी ने हाल ही में 300 युवा पेशेवरों का चयन अपने VLDP, GET, PGET और MT कार्यक्रमों के तहत किया है। CEO और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा,

“इंजीनियर हिन्दुस्तान जिंक की प्रगति की रीढ़ हैं। उनकी तकनीकी उत्कृष्टता और नवाचार की भावना हमारी सफलता के साथ-साथ भारत को आत्मनिर्भर और सस्टेनेबल बनाने में भी अहम भूमिका निभा रही है।”

तकनीकी बदलाव और योगदान

कंपनी के इंजीनियर ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, टेली-रिमोट माइनिंग, रियल-टाइम एनालिटिक्स और डीकार्बोनाइजेशन जैसे क्षेत्रों में नए आयाम गढ़ रहे हैं। यह न केवल उत्पादकता और सुरक्षा को बढ़ा रहा है बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी और भारत के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद कर रहा है।

सिंदेसर खुर्द खदान में कार्यरत मैकेनिकल इंजीनियर कविता मीणा ने बताया कि डेटा-संचालित उपकरण और डिजिटल टूल्स ने समस्याओं के व्यावहारिक समाधान खोजने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद की है।

भविष्य की दिशा

आगे चलकर, इंजीनियर सस्टेनेबल ऑपरेशंस और ईएसजी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते रहेंगे। प्रगतिशील नीतियां, विविध कार्यबल और ग्रीन नवाचारों पर ध्यान केंद्रित कर, हिन्दुस्तान जिंक न केवल जिंक और सिल्वर उत्पादन में वैश्विक नेतृत्व बनाए हुए है बल्कि भारत के दीर्घकालिक औद्योगिक विकास को भी मजबूती दे रहा है।

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