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संविधान की जगह मनुस्मृति लागू करना चाहती है आरएसएस : महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल

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Mumbai , 19 सितंबर . Maharashtra कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने Friday को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संविधान की जगह मनुस्मृति लागू करने का एजेंडा चलाने का गंभीर आरोप लगाया है.

हर्षवर्धन सपकाल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मनुस्मृति में स्त्री-पुरुष असमानता को नकारा गया है और यह कुछ चुनिंदा लोगों के लिए कार्यरत व्यवस्था का प्रतीक है. India का संविधान इसी मनुस्मृति को नकारते हुए बनाया गया, जिसे हम सभी मानते हैं, लेकिन आरएसएस और भाजपा संविधान को नहीं मानते.”

सपकाल ने आरएसएस के विचारक एम.एस. गोलवलकर की किताब ‘बंच ऑफ थॉट्स’ का हवाला देते हुए कहा कि यह मनुस्मृति से प्रेरित है. उन्होंने दावा किया कि आरएसएस का लंबे समय से चला आ रहा एजेंडा India में मनुस्मृति की व्यवस्था लागू करना है. सपकाल का बयान हाल ही में आरएसएस Government्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के संविधान की प्रस्तावना से ‘सेकुलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्द हटाने वाले बयान के संदर्भ में आया है, जिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरएसएस पर ‘मनुस्मृति’ थोपने का आरोप लगाया था. सपकाल ने कहा, “आरएसएस-भाजपा संविधान को कमजोर करने की साजिश रच रही है. वे समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करने वाले संविधान से नाराज हैं.”

सपकाल ने 2 अक्टूबर के महत्वपूर्ण अवसर पर विशेष अपील की. उन्होंने बताया कि यह दिन दशहरा, महात्मा गांधी का जन्मदिन और आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने का संयोग है. इस उपलक्ष्य में कांग्रेस कार्यकर्ता आरएसएस के नागपुर स्थित मुख्यालय पर संविधान की प्रतियां भेंट करेंगे. उन्होंने कहा, “आरएसएस को बर्खास्त कर दो. संविधान को सर्वोपरि मानो और उसका पालन करो. आरएसएस ने कभी तिरंगा नहीं फहराया, लेकिन अब सब फहराने लगे हैं. फिर भी वे संविधान नहीं मानते.”

सपकाल ने कार्यकर्ताओं से संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि आरएसएस की वैचारिक लड़ाई लोकतंत्र के लिए खतरा है और कांग्रेस इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी.

एससीएच

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