पटना, 3 जून . बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई हैं. इसी बीच, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर प्रशांत किशोर ने माफी नहीं मांगी, तो वह सुप्रीम कोर्ट तक जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
मुकदमा दर्ज कराने के बाद मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर ने न सिर्फ मुझे अपमानित किया है, बल्कि उनके बयान पिछड़े और दलित समाज के खिलाफ मानसिकता को दर्शाते हैं. उन्होंने कहा, “प्रशांत किशोर ने एक प्रेस वार्ता में जानबूझकर अपमानित करने का काम किया. उनके बयान को देखने के बाद मैंने पहले लीगल नोटिस भेजा था, लेकिन उनका जवाब जो आया, वह भी संतोषजनक नहीं था. इसके बाद मंगलवार को मैंने कोर्ट में जाकर मानहानि का मुकदमा दायर किया है.”
बिहार के मंत्री चौधरी ने आगे कहा, “या तो वे अपने बयान को साबित करें, और नहीं तो सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे. यह किसी को अधिकार नहीं है कि कोई किसी को अपमानित करे. हजारों करोड़ लोग हम लोगों को देखते हैं. अगर हम नहीं लड़ेंगे, तो क्या समाज में कमजोर लोग प्रशांत किशोर से लड़ेंगे?”
उन्होंने कहा कि अब यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि समाज की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा-दलित विरोधी मानसिकता अब नहीं चलेगी.
दरअसल, प्रशांत किशोर ने मंत्री अशोक चौधरी पर टिकट खरीदकर बेटी को सांसद बनाने का आरोप लगाया था. प्रशांत किशोर ने कहा था कि उनका (अशोक चौधरी का) राजनीतिक चरित्र क्या है, यह सबको पता है. उन्होंने अपनी बेटी को “टिकट खरीदकर” सांसद बनवाया. बिहार के किसी नेता या पार्टी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह हम पर एक रुपए भी लेने का आरोप लगा सके.
उन्होंने कहा था, “मैं न तो विधायक हूं, न सांसद, न ही बालू माफिया या शराब माफिया के लिए काम करता हूं. मैंने जो भी धन अर्जित किया है, वह अपनी बुद्धि और मेहनत से किया है. मैं जो भी संसाधन खर्च कर रहा हूं, वह बिहार के गरीब लोगों के लिए खर्च कर रहा हूं, ताकि पैसे के अभाव में उन्हें राजनीति से दूर न रहना पड़े.”
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एमएनपी/डीएससी
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