New Delhi, 7 सितंबर . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 7 सितंबर 2025 को अपने केंद्रीय कार्यालय में आयोजित संसदीय दल की कार्यशाला में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में हालिया सुधारों के लिए Prime Minister Narendra Modi का आभार व्यक्त किया. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी के अगली पीढ़ी के सुधारों पर एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया. इस प्रस्ताव में जीएसटी को और सरल, पारदर्शी और नागरिक-हितैषी बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की गई.
भाजपा ने बताया कि कराधान किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आधार होता है. एक प्रभावी कर व्यवस्था उत्पादन को बढ़ावा देती है, उपभोग को प्रोत्साहित करती है और राष्ट्र के खजाने को मजबूत करती है. Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में जीएसटी में किए गए सुधार इन सभी उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम हैं. आठ साल पहले, 2017 में, ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के विजन के तहत जीएसटी लागू किया गया था, जिसने वैट और विभिन्न जटिल करों की पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर एक एकीकृत बाजार की स्थापना की. इससे अंतर्राज्यीय व्यापार में सुगमता आई और अर्थव्यवस्था में निष्पक्षता व मजबूती बढ़ी.
पार्टी ने बताया कि 2014 से पहले, कई सरकारें जीएसटी लागू करने में असफल रहीं, लेकिन पीएम Narendra Modi ने न केवल इसे लागू किया, बल्कि पूरे देश में आम सहमति के साथ इसे प्रभावी बनाया. आज जीएसटी करदाता आधार 66 लाख से बढ़कर 1.5 करोड़ से अधिक हो गया है. वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी संग्रह 18 प्रतिशत से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. मासिक संग्रह अब लगभग 2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है, जो 2017 की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है. डेलॉइट के सर्वेक्षण के अनुसार, 85 प्रतिशत व्यवसाय, विशेष रूप से एमएसएमई, जीएसटी से संतुष्ट हैं, जो इस सुधार की सफलता को रेखांकित करता है.
भाजपा ने बताया कि नए सुधारों में खाद्य, दवाओं और इलेक्ट्रॉनिक सामानों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी, उल्टे शुल्क की समस्याओं का समाधान और छोटे व्यवसायों, निर्यातकों व स्टार्टअप्स के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है. ये कदम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने, व्यापारियों को सशक्त करने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सुदृढ़ करने की दिशा में हैं. मासिक संग्रह में वृद्धि अनुपालन और आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत है. भाजपा ने सभी व्यापारियों से अपील की कि वे जीएसटी सुधारों के तहत मिली छूट और रियायतों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं. कम कीमतें मांग को बढ़ाएंगी, जिससे व्यवसायों की समृद्धि और राष्ट्र की आर्थिक शक्ति में वृद्धि होगी.
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एससीएच/एएस
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