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लक्ष्मणराव किर्लोस्कर: भारत का पहला हल बनाकर कृषि क्षेत्र को दिया नया आकार

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New Delhi, 25 सितंबर . India के उद्योग जगत की जब भी बात आती है तो आज के समय में अदाणी, अंबानी और टाटा का नाम लिया जाता है, लेकिन आदाजी से पहले देश में कुछ चुनिंदा ही कारोबारी समूह थे,जिनमें से एक किर्लोस्कर ग्रुप था.

वर्तमान में India के बड़े कारोबारी समूहों में से एक किर्लोस्कर समूह की स्थापना लक्ष्मणराव काशीनाथ किर्लोस्कर ने थी, जिनका जन्म 20 जून 1869 में Maharashtra के एक छोटे से गांव गुरलौहसुर में हुआ था.

लक्ष्मणराव किर्लोस्कर का बचपन से ही पढ़ने में मन नहीं लगता था. हालांकि, मशीनों में उनकी काफी रूचि थी, जिसके कारण उन्होंने Mumbai के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से मैकेनिकल ड्राइंग सीखी. बाद में उन्हें Mumbai के विक्टोरिया जुबली टेक्निकल इंस्टीट्यूट में अध्यापक की नौकरी मिल गई थी.

मशीनों की जानकारी के कारण उन्होंने 1888 में अपने भाई रामुअन्ना के साथ मिलकर ‘किर्लोस्कर ब्रदर्स’ नाम से साइकिल की दुकान खोल ली. यही से किर्लोस्कर ग्रुप का सफर शुरू हुआ.

लक्ष्मणराव किर्लोस्कर का हमेशा से मानना था कि कृषि उपकरणों को उस परिवेश के अनुकूल होना चाहिए जिसमें उनका उपयोग किया जाता है. इसी विचार के साथ उन्होंने India का पहला लोहे का हल बनाया, जो कि किर्लोस्कर ग्रुप का पहला प्रोडक्ट भी था.

शुरुआती दिनों में लक्ष्मणराव को हल को लेकर किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि मानते थे कि लोहे के हल जमीन को जहरीला बना देंगे और उसे बंजर बना देंगे. ऐसे में किसानों को विश्वास दिलाना बेहद मुश्किल था, लेकिन लक्ष्मणराव के दृढ़ निश्चय के आगे किसानों के अंधविश्वास ने घुटने टेक दिए और दो साल बाद उन्हें अपना पहला लोहे का हल बेचने में सफलता मिली. आगे चलकर यही हल India में कृषि क्रांति का प्रतीक बना.

जमशेदपुर के बाद India की दूसरी इंडस्ट्रियल टाउनशिप किर्लोस्करवाड़ी की स्थापना भी लक्ष्मणराव किर्लोस्कर ने थी.

दरअसल, जनवरी 1910 में बेलगाम की नगरपालिका ने लक्ष्मणराव को बेलगाम खाली करने का आदेश दिया ताकि एक नया उपनगर बनाया जा सके. उस समय उन्हें जगह के लिए काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में औंध के राजा अपने राज्य में औद्योगीकरण बढ़ाने के लिए लक्ष्मणराव को कुंडल रोड नामक एक प्रसिद्ध रेलवे स्टेशन के पास 32 एकड़ बंजर भूमि और ब्याज के बिना दस हजार रुपए का लोन दिया. यह जगह किर्लोस्करवाड़ी और किर्लोस्कर ब्रदर्स की नई फैक्ट्री का पता बन गई. इसके बाद किर्लोस्कर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

किर्लोस्कर ग्रुप आज देश के बड़े कारोबारी समूहों में से एक है. आज किर्लोस्कर ग्रुप पंप, इंजन, वाल्व और कंप्रेसर की इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग करता है.

एबीएस/

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