क्वेटा, 31 मई . बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने शनिवार को दावा किया कि उसने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के सुराब शहर पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है और ‘शत्रु राज्य’ के सभी सैन्य, प्रशासनिक और वित्तीय ढांचे को पंगु बना दिया है. यह दावा ठीक उस समय किया गया जब पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर प्रांतीय राजधानी क्वेटा का दौरा कर रहे थे.
इसकी पुष्टि करते हुए बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने बताया कि शुक्रवार को तीन घंटे से अधिक समय तक अभियान जारी रहा, इस दौरान स्वतंत्रता सेनानियों ने शहर के सभी महत्वपूर्ण स्थानों और राजमार्गों पर मोर्चा संभाल लिया.
उन्होंने कहा कि लड़ाकों ने पाकिस्तानी लेवी (अर्धसैनिक बल) स्टेशन, पुलिस स्टेशन, डिप्टी कमिश्नर (डीसी) कार्यालय, गेस्ट हाउस और बैंक पर नियंत्रण कर लिया तथा ‘दुश्मन’ के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया.
बलूचिस्तान की आजादी की मांग कर रहे बीएलए द्वारा जारी बयान में कहा गया, “ऑपरेशन के दौरान, स्वतंत्रता सेनानियों ने लेवी और पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया और पुलिस स्टेशनों और डीसी कार्यालय में सुरक्षा चौकियों से 30 कलाश्निकोव, अन्य हथियारों और युद्ध उपकरणों को जब्त कर लिया. बाद में इन कर्मियों को उनकी बलूच पहचान के आधार पर सम्शर्तरियायतों पर रिहा कर दिया गया. स्वतंत्रता सेनानियों ने दुश्मन सेना के तीन वाहनों, राज्य के गोदामों, एक गेस्ट हाउस और तीन बैंकों में आग लगा दी, जबकि दो वाहनों को कब्जे में ले लिया गया.”
बयान के अनुसार, डीसी कार्यालय पर कब्जे के दौरान सहायक उपायुक्त हिदायतुल्ला बुलेदी ने लड़ाकों पर हमला करने का प्रयास किया, जिस पर लड़ाकों ने बिना किसी नुकसान के उसे काबू में कर लिया और एक कमरे में बंद कर दिया. बयान में कहा गया कि कमरे में दम घुटने से उसकी मौत हो गई, जो पूरी तरह से आकस्मिक घटना थी.
बयान में कहा गया, “इसके अलावा, बीएलए ने सुराब शहर पर पूरा नियंत्रण कर लिया है और केटा-कराची तथा सुराब-गिदर मुख्य राजमार्गों पर चौकियां स्थापित कर दी हैं तथा राज्य में आवागमन पर प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया है. यह कार्रवाई कब्जे वाले पाकिस्तानी राज्य के हर संस्थान, हर प्रतीक और हर ताकत को नष्ट करने के बीएलए के संकल्प की निरंतरता है. हम एक बार फिर स्पष्ट करते हैं कि हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक बलूच राष्ट्रीय मुक्ति हासिल नहीं हो जाती.”
बलूचिस्तान के लोग वर्तमान में पाकिस्तान से अपनी आजादी के लिए लड़ रहे हैं. बलूचिस्तान के विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार प्रांत में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे दमन को उजागर किया है, जिसमें बलूच नेताओं और नागरिकों के घरों पर हिंसक छापे, गैरकानूनी गिरफ्तारियां, जबरन गायब करना, ‘मार और फेंक’ नीति, लोक व्यवस्था अध्यादेश के तहत हिरासत में लेना और मनगढ़ंत पुलिस मामले दर्ज करना शामिल है.
इस महीने की शुरुआत में, बीएलए ने ‘क्षेत्र में एक नई व्यवस्था अपरिहार्य हो गई है’ शीर्षक से एक मीडिया बयान जारी किया था, जिसमें दुनिया से पाकिस्तान को आतंकवादियों के निर्माता और एक आतंकवादी इकाई के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया गया. इसमें कहा गया कि पाकिस्तान का इतिहास, जो वर्तमान में विफल सैन्य नीतियों के लिए कूटनीतिक अलगाव का सामना कर रहा है, टूटे वादों, पीठ में छुरा घोंपने और आतंकवाद के संरक्षण में लिखा गया है.
बयान में कहा गया है, “पाकिस्तान वैश्विक आतंकवादियों के लिए प्रजनन स्थल है, यह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और आईएसआईएस जैसे घातक आतंकवादी समूहों के राज्य प्रायोजित विकास का केंद्र है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकवाद के उद्देश्यों के लिए इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देती है, यह हिंसक विचारधारा वाला एक परमाणु राज्य है. बिना किसी बाहरी, सैन्य और वित्तीय सहायता के बलूच राष्ट्र दुनिया के सातवें सबसे बड़े परमाणु राज्य को हराने में सक्षम है. बीएलए ने दुश्मन को हर मोर्चे पर असहाय बना दिया है. पाकिस्तान के खात्मे के बिना कभी भी स्थायी शांति नहीं हो सकती है.”
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एकेएस/एकेजे
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