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निषाद समाज अब 'लोडर' नहीं, 'लीडर' बनने वाला है : मुकेश सहनी

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पटना, 21 मई . विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के प्रदेश में मछुआरा आयोग बनाने की घोषणा को चुनाव के पूर्व निषाद समाज को दिया जाने वाला झुनझुना बताया.

उन्होंने कहा कि बिहार में 20 सालों से एनडीए की सरकार है, लेकिन इसकी याद नहीं आई. अब जब दो-चार महीने में इनकी विदाई होने वाली है, तो यह निषाद समाज को बरगलाने के लिए झुनझुना की बात कर रहे हैं.

पटना में एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के ‘झोला उठाने वाला’ बताए जाने पर चेतावनी देते हुए कहा कि निषाद समाज अब ‘लोडर’ नहीं, ‘लीडर’ बनने वाला है.

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भाजपा अध्यक्ष अपनी बात वापस लें, नहीं तो उन्हें निषाद समाज को ‘झोला उठाने वाला’ कहना महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस शब्द के लिए भाजपा अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए, यह पूरे निषाद समाज और बिहार का अपमान है.

उन्होंने भाजपा के प्रस्तावित निषाद महासम्मेलन को लेकर कहा कि भाजपा इस सम्मेलन के जरिए निषाद समाज को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. भाजपा भीड़ जुटा सकती है, लेकिन उन्हें अब निषादों का वोट नहीं मिल सकता है. निषाद समाज को भाजपा ने शुरू से बरगलाने का काम किया है. आखिर केंद्र में भाजपा की सरकार है, प्रदेश में सरकार है, तो निषाद समाज को आरक्षण क्यों नहीं दे देती है, जबकि इसको लेकर भाजपा के नेता वादा कर चुके हैं.

उन्होंने कहा कि अगर उन्हें निषाद समाज का वोट चाहिए तो अन्य राज्यों की तरह ही बिहार में निषाद समाज के लिए आरक्षण दे दें. उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई निषादों को हक और अधिकार दिलाने की है, जिससे पीछे नहीं हटूंगा. निषाद समाज अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए लड़ाई लड़ेगा. निषाद समाज अब जाग चुका है, किसी के बहकावे में आने वाला नहीं है.

उन्होंने सीट शेयरिंग को लेकर कहा कि महागठबंधन में कोई लड़ाई नहीं है. हमारे पास सीट पर्याप्त है. उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि अभी भी कोई सहयोगी दल आएगा तो उसे भी सीट मिल जाएगी.

एमएनपी/एबीएम

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