गौतमबुद्धनगर, 6 अक्टूबर . सड़क हादसों के दौरान समय पर मदद पहुंचाना अब न केवल मानवीय कर्तव्य होगा, बल्कि इसके लिए Government की ओर से सम्मान और नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शुरू की गई “राह-वीर योजना” के तहत अब उन लोगों को 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार और सम्मान दिया जाएगा, जो सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को हादसे के बाद के “गोल्डन ऑवर” यानी पहले एक घंटे के भीतर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाते हैं.
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) गौतमबुद्धनगर डॉ. उदित नारायण पांडे ने बताया कि परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश के निर्देशों पर इस योजना को और आकर्षक व स्पष्ट बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं.
उन्होंने बताया कि पहले यह राशि कम थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है ताकि मददगारों को प्रोत्साहन मिले और वे बिना किसी झिझक के घायल व्यक्तियों को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने में सहयोग दें. उन्होंने कहा कि शासन ने स्पष्ट किया है कि यदि उपचार के दौरान घायल की मृत्यु भी हो जाती है, तब भी मददगार को यह पुरस्कार और सम्मान मिलेगा, बशर्ते अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर यह प्रमाणित करे कि मृत्यु का कारण सड़क दुर्घटना थी.
शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, गंभीर सड़क दुर्घटना वही मानी जाएगी जिसमें बड़ी शल्यक्रिया की आवश्यकता हो, मरीज को तीन दिन से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़े, मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आए, या इलाज के दौरान घायल की मौत हो जाए.
डॉ. पांडे ने कहा कि “राह-वीर योजना” का मुख्य उद्देश्य न केवल सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की जान बचाना है, बल्कि समाज में मानवीयता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देना है. सड़क हादसों के बाद अक्सर लोग घायलों की मदद करने से कतराते हैं, लेकिन इस योजना से अब लोगों को आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह का प्रोत्साहन मिलेगा.
उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि सड़क पर किसी दुर्घटना को देखते ही तुरंत घायल को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाने में सहयोग करें.
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पीकेटी/डीएससी
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