New Delhi, 25 सितंबर . Bollywood Actor शाहरुख खान को फिल्म ‘जवान’ के लिए मिले राष्ट्रीय पुरस्कार को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता भाई जगताप ने शाहरुख खान को मिले सम्मान पर सवाल उठाए. हालांकि, भाजपा ने कांग्रेस नेता पर पलटवार किया और कहा कि भाजपा की Government धर्म आधारित राजनीति नहीं करती है.
भाजपा नेता यासिर जिलानी ने से बातचीत में कहा, “आजादी के बाद से 2014 तक कांग्रेस की Governmentें रही हैं, लेकिन उन्होंने राज्यसभा जैसे महत्वपूर्ण पदों पर मुसलमानों को नाम मात्र के लिए नामित किया. यह सब वोट की राजनीति और तुष्टिकरण का आधार था. आज शाहरुख खान ने अपनी फिल्म ‘जवान’ से देशभक्ति का संदेश दिया और नेशनल अवॉर्ड जीता. उनकी सराहना करने के बजाय कांग्रेस के नेता इस अवॉर्ड को मुस्लिम वोटरों को रिझाने का हथकंडा बता रहे हैं.”
जिलानी ने आगे कहा, “जिनके दिमाग में सिर्फ वोट चढ़ा है, मैं उनको बताना चाहूंगा कि वे इससे वोटों को रिझा नहीं पाएंगे. भाजपा Government धर्म या जाति आधारित राजनीति नहीं करती. हमने एपीजे अब्दुल कलाम जैसे योग्य व्यक्ति को President बनाया. जो लायक होता है, उसे जगह मिलती है. लेकिन, कांग्रेस को ऐसी घटिया राजनीति बंद करनी चाहिए.”
यासिर जिलानी ने राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ वाले दावे को फुस्स बम करार दिया. उन्होंने कहा, “पिछले तीन-चार प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने हाइड्रोजन से लेकर डायनामाइट तक की बात की और कहा कि डायनामाइट लगाएं, सब कुछ धुआं-धुआं हो जाएगा, पूरा हिंदुस्तान उनके पीछे चल पड़ेगा. उन्होंने युवाओं से लेकर छात्रों तक को भड़काने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी और हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने उन्हें चुनाव में करारा तमाचा मारा. इस बार उनका हाइड्रोजन बम फुस्स साबित होगा.”
जिलानी ने राहुल को सलाह देते हुए कहा, “राहुल गांधी को अपनी राजनीति में बदलाव लाना चाहिए. मैं उन्हें सलाह दूंगा कि अपनी सलाहकार टीम बदलें, वरना बिहार में भी उनकी लॉन्चिंग फेल साबित होगी.”
भाजपा नेता ने रोहिणी आचार्य के विवाद को लालू परिवार का आंतरिक झगड़ा बताया. उन्होंने कहा, “यह एक पारिवारिक गुस्सा है. रोहिणी आचार्य, तेजस्वी के सबसे बड़े सिपहसालार संजय यादव पर सवाल उठा रही हैं. यह उन लोगों का बनाया गया मुद्दा है, जिससे लोगों में सहानुभूति पैदा करने की कोशिश हो रही है.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं किसी महिला के कार्य पर टिप्पणी नहीं करता, लेकिन यह परिवार का मामला है. परिवार में उलझन बहुत है. परिवार के अंदर सत्ता की लालच है और वो किसी एक सीट पर चुनाव लड़ना चाहती हैं. राजद की राजनीति बौखलाहट के दौर से गुजर रही है. जनता ने उनके बड़े आंदोलनों और यात्राओं को स्वीकार नहीं किया. राहुल गांधी के साथ तेजस्वी की यात्रा भी फेल रही. पहले भाई का झगड़ा था, अब रोहिणी आ गईं. यह उनका पर्सनल मैटर है, लेकिन राजनीति में हैं तो टिप्पणी होगी.”
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एफएम/
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