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पहलगाम हमले पर कांग्रेस का सख्त रुख, प्रमोद तिवारी बोले- आतंक की जड़ पर करें वार

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नई दिल्ली, 24 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए. सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी और झारखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने टिप्पणी की. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से सख्त और निर्णायक कदम उठाने की मांग की है. दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया.

प्रमोद तिवारी ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि मैं साफ करना चाहता हूं कि आतंकवाद का जो क्रूर हमला हुआ है, वह अत्यंत निंदनीय है. जिस क्रूरता के साथ कैराना और बुझिलाना में आतंकवादियों ने घुसपैठ कर हमला किया है, वह देश की संप्रभुता पर सीधा हमला है. कांग्रेस पार्टी इस मामले में सरकार के साथ खड़ी है. हमने सरकार से कहा है कि देशहित में वह जो भी कदम उठाएगी, कांग्रेस पार्टी उसका समर्थन करेगी. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इस पर रुख स्पष्ट क‍िया है.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आतंकवाद के खिलाफ लिए गए कड़े निर्णयों की याद दिलाते हुए तिवारी ने कहा कि आज फिर उसी तरह की सख्ती की आवश्यकता है. आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना चाहिए. आतंकवाद की जड़ पर वार होना चाहिए. किसी भी कीमत पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.

झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी आतंकवाद के खिलाफ केंद्र द्वारा उठाए गए कड़े कदमों की सराहना की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई है, वह पूरी तरह से दहशत फैलाने का कृत्य है. पहले भी पुलवामा और पहलगाम में ऐसी घटनाएं हुई हैं, लेकिन अब वक्त है कि कठोर कदम उठाए जाएं. सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णय स्वागत योग्य हैं, जैसे वीजा पर रोक और पानी रोकने जैसे फैसले. लेकिन अब जरूरत है आतंकियों के दिल में खौफ पैदा करने की. हमें सामूहिक रूप से ऐसे फैसले लेने होंगे कि आगे से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

सर्वदलीय बैठक पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह इस बैठक की अध्यक्षता करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अगर स्वयं इसमें भाग नहीं लेंगे तो यह बैठक अधूरी मानी जाएगी. हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस बैठक को गंभीरता से लेंगे और देशहित में कठोर निर्णय लिए जाएंगे.

पीएसके/

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