जबलपुर, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran News). Madhya Pradesh में लंबे समय से लंबित प्रमोशन में आरक्षण मामले की सुनवाई मंगलवार को उच्च न्यायालय में हुई. इस दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए अदालत से पदोन्नति की अनुमति मांगी.
सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस. वैधिनाथन ने दलील दी कि पूर्व में दी गई ओरल अंडरटेकिंग के कारण पदोन्नति प्रक्रिया रुकी हुई है, जिससे आरक्षित और अनारक्षित दोनों वर्गों को नुकसान हो रहा है. सरकार ने कोर्ट से अनुरोध किया कि जब तक याचिकाएं लंबित हैं, तब तक पदोन्नति की अनुमति दी जाए और सुनवाई आगे बढ़ाई जाए.
वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अमोल श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि सरकार के नियमों में अभी तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित क्रीमी लेयर का प्रावधान शामिल नहीं किया गया है. इसके अलावा, वर्ष 2002 के नियमों को हाईकोर्ट पहले ही असंवैधानिक घोषित कर चुका है, लेकिन उन्हीं नियमों के तहत हुई पदोन्नतियां अब भी बरकरार हैं.
राज्य सरकार ने अदालत से अंतरिम राहत की मांग करते हुए नई प्रमोशन पॉलिसी लागू करने की अनुमति चाही है. फिलहाल, हाईकोर्ट में सरकार की अंडरटेकिंग के कारण यह पॉलिसी लागू नहीं हो पा रही है.
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 सितम्बर को निर्धारित की है.
You may also like
ना अंडरवियर… ना सलवार…` सिर्फ फटा हुआ सूट पहनकर सड़क पर निकली यह एक्ट्रेस देखकर आप भी हो जाएंगे शर्मसार
अब बिना BEd के बनें सरकारी स्कूल में प्राइमरी टीचर, जानें नया नियम!
आपको बर्बाद कर सकती` हैं स्त्रियों के अंदर की यह बुराइयां जिंदगी हो जाएगी तबाह
पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले कार्तिक-हर्षा का सुझाव, इस स्टार की जगह अर्शदीप को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की दी सलाह
सिम का एक कोना कटा क्यों होता है? जानिए इसके पीछे की तकनीकी वजह