शिमला, 6 सितंबर (Udaipur Kiran News). Himachal Pradesh में मॉनसून की रफ्तार फिलहाल धीमी पड़ गई है. मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 12 सितंबर तक राज्य में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है, लेकिन किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया है. शनिवार को राजधानी शिमला समेत कुछ जिलों में बारिश हुई, जबकि अन्य जगहों पर बादल और धूप दोनों का असर देखने को मिला. पिछले 24 घंटों में बिलासपुर के नैनादेवी में सर्वाधिक 136 मिमी वर्षा दर्ज की गई.
कुल्लू में भूस्खलन पीड़ितों का रेस्क्यूकुल्लू के इन्नर अखाड़ा बाजार में हाल ही में हुए भूस्खलन में दबे लोगों को निकालने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहा. यहां 3 और 4 सितंबर को दो अलग-अलग घटनाओं में 9 लोग मलबे में दब गए थे. अब तक 8 शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें एनडीआरएफ सदस्य नरेंद्र पुत्र सुखराम, बकार अहमद मीर, हुसैन लोन और ताहिर दीन अहमद शेख शामिल हैं. एक व्यक्ति की तलाश अब भी जारी है. राहत कार्यों में प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमें जुटी हुई हैं.
मॉनसून का भारी नुकसानराज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, इस मॉनसून सीजन में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है, 41 लोग लापता हैं और 426 घायल हुए हैं.
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सबसे अधिक मौतें मंडी (59), कांगड़ा (50), चंबा (43), शिमला (39), कुल्लू (38) और किन्नौर (28) जिलों में दर्ज की गई हैं.
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बारिश से 1984 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की भी जान गई है.
प्रदेश में अब तक 6025 मकान क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 1159 पूरी तरह ढह गए. साथ ही 455 दुकानें और 5113 पशुशालाएं भी नष्ट हो गईं. प्रारंभिक आकलन के अनुसार, सार्वजनिक संपत्ति को 4079 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें सबसे अधिक प्रभावित लोक निर्माण विभाग (2743 करोड़), जलशक्ति विभाग (2518 करोड़) और ऊर्जा विभाग (139 करोड़) रहे.
सड़कें और सुविधाएं ठपभारी बारिश और भूस्खलन से सड़क मार्ग बुरी तरह प्रभावित हैं. शनिवार शाम तक प्रदेश में 3 नेशनल हाइवे और 897 सड़कें बंद थीं.
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बंद हाईवे: कुल्लू का NH-3 और NH-305 तथा लाहौल-स्पीति का NH-505.
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अकेले कुल्लू में 225, मंडी में 198, शिमला में 167 और चंबा में 116 सड़कें बाधित हैं.
सेब सीजन के बीच शिमला के ऊपरी इलाकों में लिंक रोड बंद रहने से बागवानों को फसल मंडियों तक पहुंचाने में कठिनाई हो रही है.
बिजली और पानी की समस्याप्रदेश में 1497 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं, जिनमें सबसे ज्यादा कुल्लू (867) में प्रभावित हैं. इसके अलावा 388 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं, जिनमें शिमला की 187 और मंडी की 79 शामिल हैं.
प्राकृतिक आपदाओं का रिकॉर्डमॉनसून के दौरान हिमाचल में अब तक 135 भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. लाहौल-स्पीति में सर्वाधिक 27 भूस्खलन और 56 फ्लैश फ्लड हुए, जबकि मंडी जिला बादल फटने की 19 घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित रहा.
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