ग्रेटर नोएडा, 13 सितंबर . जल प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कड़ा कदम उठाया है. सीवर विभाग की जांच में सात बिल्डरों के सोसाइटी परिसर में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) निष्क्रिय पाए गए और बिना शोधित सीवेज को नालों में गिराया जा रहा था. इस पर प्राधिकरण ने इन बिल्डरों पर कुल 54 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
प्राधिकरण ने साफ चेतावनी दी है कि पेनल्टी की राशि शीघ्र एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के खाते में जमा करानी होगी. साथ ही चालान की प्रति प्राधिकरण को उपलब्ध करानी होगी. अगली जांच में खामियां मिलने पर First Information Report दर्ज कराने के साथ ही लीज डीड और भवन नियमावली के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट में नया एसटीपी बना रहा है और आईटी सिटी में भी एसटीपी बनाने की मंजूरी दी गई है. बावजूद इसके, कुछ बिल्डर अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरत रहे हैं और सीवेज शोधित किए बिना नालों में डाल रहे हैं. ग्रेनो प्राधिकरण ने जिन बिल्डरों पर जुर्माना लगाया है उनमें राजहंस रेजिडेंसी (सेक्टर-1) – 5 लाख, पैरामाउंट इमोशंस (सेक्टर-1) – 5 लाख, देविका होम्स (सेक्टर-1) – 10 लाख, कैपिटल एथिना (सेक्टर-1) – 5 लाख, पंचशील हाईनिस (सेक्टर-1) – 12 लाख, जेएम फ्लोरेंस (टेकजोन-4) – 5 लाख और पंचशील ग्रीन्स-2 (सेक्टर-16) – 12 लाख का जुर्माना लगाया गया है. जिसकी कुल पेनल्टी राशि – 54 लाख है.
एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा, “ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का प्रयास है कि शहर से निकलने वाले सीवरेज को शत-प्रतिशत शोधित कर साफ पानी को फिर से इस्तेमाल किया जाए. इसके लिए निवासियों और बिल्डरों का सहयोग जरूरी है. सोसाइटी परिसर में बने एसटीपी का संचालन अनिवार्य है. बिना शोधित सीवेज नालों में गिराने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. सीवर विभाग की टीम नियमित रूप से जांच करती रहेगी.”
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पीकेटी/एएस
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