पटना, 19 अगस्त . बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक समारोह में पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने जनसुराज छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.
इस समारोह में पूर्व मंत्री नागमणि, उनकी पत्नी सुचित्रा सिन्हा, भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष कुमार और इंजीनियर अवधेश कुमार ने भी सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सभी लोगों को सदस्यता दिलाई और पार्टी में स्वागत किया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि भाजपा सही अर्थों में एक राजनीतिक दल नहीं, विचारधारा है. यही कारण है कि जनसंघ काल की दो सीटों से आज हम पूरे देश को दुनिया में चौथी अर्थव्यवस्था बनाने में कामयाब हुए हैं.
उन्होंने कहा कि इसी विचारधारा से जुड़कर इन सभी लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. उन्होंने सभी लोगों का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि आज से आप सभी भाजपा परिवार के सदस्य हो गए हैं.
उन्होंने भाजपा को एक परिवार बताते हुए कहा कि यह पार्टी जितनी जमीन पर दिखाई पड़ती है, उससे सौ गुना ज्यादा जमीन के अंदर उसकी ताकत होती है. यह जो जमीन के अंदर की ताकत है, वह देश की नींव को मजबूत करने के लिए होती है और इसके लिए हजारों स्वयंसेवक दिन-रात काम करते हैं.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, उसी तरह हमारे एनडीए के नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास के क्षेत्र में रफ्तार पकड़ चुका है.
उप Chief Minister सम्राट चौधरी ने भाजपा में आए सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि इन सभी के शामिल होने से पार्टी को काफी लाभ होगा. जब भाजपा और एनडीए मजबूत होगा, तभी देश मजबूत होगा. प्रधानमंत्री मोदी देश को विकसित बनाने की बात करते रहे हैं और देश तभी विकसित होगा, जब बिहार विकसित होगा.
–
एमएनपी/एबीएम
You may also like
पत्नी ने हाथ में मिर्च लेकर पति के प्राइवेट पार्ट का कर डाला ऐसा हाल, मार रहा चिंघाड
वनडे डेब्यू पर केवल 6 रन बनाकर भी बेबी एबी शामिल हुए इस खास लिस्ट में, ऐसा करने वाले सिर्फ दूसरे साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज
कर्मचारी ने पहले वेतन के बाद तुरंत इस्तीफा देकर मचाई हलचल
एक भूल से लड़के की लग गई 'लॉटरी', विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के आने लगे कॉल
Asia Cup: एक साल बाद शुभमन गिल की T20 टीम में हुई वापसी, यशस्वी-श्रेयस हुए बहार, अक्षर से छिनी उप-कप्तानी