New Delhi, 19 अक्टूबर . भारतीय सेना और ऑस्ट्रेलियाई सेना के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंद-2025’ ऑस्ट्रेलिया में पूरे उत्साह और जोश के साथ आयोजित किया जा रहा है. यह अभ्यास विशेष रूप से आतंकवाद-रोधी अभियानों, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन, और संयुक्त मानवीय सहायता एवं आपदा राहत कार्यों पर केंद्रित है.
दोनों देशों के बीच यह इस सैन्य अभ्यास का चौथा संस्करण है. इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के जवान संयुक्त प्रशिक्षण गतिविधियों, सामरिक अभ्यासों, फायरिंग ड्रिल और योग सत्रों में भाग ले रहे हैं. इन गतिविधियों के माध्यम से सैनिक अनुशासन, तालमेल और साझी कार्यप्रणाली का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो India और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ती रक्षा साझेदारी और रणनीतिक सहयोग का प्रतीक है. भारतीय सेना के मुताबिक अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, संयुक्त परिचालन प्रक्रियाओं की समझ विकसित करना तथा साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग को सुदृढ़ करना है.
अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं के बीच संयुक्त कमांड पोस्ट अभ्यास, फील्ड प्रशिक्षण और लाइव फायर अभ्यास भी किए जा रहे हैं. इससे वास्तविक युद्धक परिस्थितियों में सैन्य क्षमता को मजबूत किया जा सकेगा. ‘ऑस्ट्राहिंद’ श्रृंखला का यह अभ्यास India और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2022 में आरंभ हुआ था और तब से यह द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है.
यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है. भारतीय सेना के 120 जवानों व अधिकारियों वाली एक टुकड़ी इस अभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया में है. India और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच हो रहा यह द्विपक्षीय युद्धाभ्यास ऑस्ट्रेलिया में 26 अक्टूबर तक जारी रहेगा.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व गोरखा राइफल्स की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है. इस भारतीय सैन्य टुकड़ी में इंडियन आर्मी की विभिन्न टुकड़ियों के चयनित सैनिक शामिल किए गए हैं. यह शहरी व अर्ध-शहरी इलाकों में उप-पारंपरिक युद्ध के क्षेत्र में रणनीति बनाने में सहायक होगा. खुले वअर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्रों में दोनों देशों की सेनाओं द्वारा यह अभ्यास किया जा रहा है.
इसमें सैनिकों द्वारा संयुक्त योजना बनाना, सामरिक अभ्यास, विशेष हथियारों के कौशल और विविध मिशनों का प्रभावी संचालन शामिल है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह अभ्यास संचालनात्मक क्षमताओं को परिष्कृत करने में मददगार है.
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जीसीबी/एएबी
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