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डिजिटल नवरात्रि: जहां ऑनलाइन पूजा मुमकिन, पंडाल का पता लगाना चुटकियों का खेल और गरबा भी इंस्टा पर

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New Delhi, 20 सितंबर . वक्त बदल रहा है और इसके साथ तौर-तरीके भी. त्योहार भी अछूते नहीं रहे. एक दौर था जब नवरात्रि में लोग मोहल्ले के पंडाल में जुटते थे, डांडिया की रिहर्सल महीनों चलती थी, और मां की चौकी के लिए हरसिंगार और गुड़हल का एक-एक फूल हाथ से चुना जाता था. अब मां की आरती भी जूम पर मुमकिन है तो गरबा इंस्टाग्राम रील्स के जरिए रंग जमाते हैं!

अगर ऐसा आपको भी सुनाई और दिखाई देने लगा है तो मान लीजिए आप डिजिटल नवरात्रि की दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं, एक ऐसा त्योहार जो अब केवल मंदिर और पंडाल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मोबाइल स्क्रीन, social media और ऐप्स की दुनिया में भी धूम मचा रहा है. हाल ही में काशी विश्वनाथ से लेकर गया जी तक कुछ तस्वीरें और वीडियो ऐसे आए जिसमें पिंडदान की पेमेंट ऑनलाइन की गई और विधि-विधान वहां पुरोहितों ने संपन्न करा दिया. कोरोना के बाद से ही आभासी दुनिया ने अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया है.

पिछले कुछ वर्षों से (खासकर कोरोना दौर के बाद) कई बड़े मंदिर, जैसे अंबाजी (Gujarat), वैष्णो देवी, और कालीघाट, अब लाइव दर्शन की सुविधा दे रहे हैं. लोग अपने फोन या लैपटॉप पर मां का आशीर्वाद पा रहे हैं. कभी फेसबुक लाइव से, तो कभी यूट्यूब चैनल मां के दर्शन करा रहा है.

पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की अलग ही धूम रहती है. वहां भी तकनीक का प्रयोग किया जाता है लेकिन लोगों को ये बताने के लिए कि आप किस रास्ते से कहां पहुंच सकते हैं. तो इस तरह ऑफलाइन दिक्कत न हो इसके लिए भी ऑनलाइन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. शारोदत्सव, द पूजा डॉट 13 ऐसे एप्स हैं जो वहां काफी मददगार साबित होते आए हैं.

कुछ पंडाल समितियां तो बाकायदा ‘जूम पूजा’ आयोजित करती हैं, जिसमें पुजारी मंत्रोच्चारण करते हैं और भक्त घर बैठे आरती गा सकते हैं. हालांकि यह उन लोगों के लिए वरदान है जो किसी वजह से बाहर नहीं जा सकते, जो बुजुर्ग हैं, दिव्यांग हैं, या फिर विदेश में बसे हैं.

आज गरबा केवल ग्राउंड में नहीं होता—वह इंस्टाग्राम रील्स और स्नैपचैट फिल्टर्स में भी छा गया है. हर साल कोई न कोई “गरबा चैलेंज” वायरल हो जाता है. इस साल का नया ट्रेंड हैशटैग नवरात्रि ग्लोअप है, जिसमें लोग पहले के सादे और बाद के पारंपरिक लुक वाले वीडियो शेयर करते हैं. ‘ग्रेट इंडियन गरबा फेस्ट’ (जीआईजीएफ) एक ऐसा ही आयोजन है जो सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन पार्टिसिपेशन को बढ़ावा देता है.

फैशन इंफ्लुएंसर गरबा लुक्स, मेकअप हैक्स और ज्वेलरी स्टाइलिंग वीडियो डाल रहे हैं. वहीं डांडिया ग्रुप्स अपने रिहर्सल वीडियो पहले ही पोस्ट कर देते हैं- ताकि social media पर रील की तरह लोग गरबा सीख सकें.

ऐप और एआर फिल्टर्स ने भी जेन-जी के साथ कइयों की भक्ति को नया स्वरूप दिया है. अब मां दुर्गा के 108 नाम याद रखने के लिए किताबें नहीं खंगालनी पड़तीं. मात्र एक ऐप डाउनलोड कीजिए और मंत्र, चालीसा, व्रत विधि सब कुछ एक क्लिक में उपलब्ध हो जाता है.

शारदीय नवरात्रि के कुछ ट्रैंडिंग हैशटैग्स अभी से ही social media प्लेटफॉर्म पर तैरने लगे हैं. जैसे- डिजिटलनवरात्रि, गरबाएटहोम, वर्चुअल आरती, नवरात्रिओओटीडी (आउटफिटऑफदडे), और डांसफॉरदेवी.

टेक्नोलॉजी ने जहां सुविधाएं बढ़ाई हैं, वहीं कुछ पुराने रंग भी हल्के पड़े हैं. पर अच्छी बात ये है कि डिजिटल नवरात्रि ने दूरी को नजदीकी में बदला है. जो लोग किसी वजह से समारोह का हिस्सा नहीं बन सकते थे, अब ऑनलाइन होकर भी मां की भक्ति में जुड़ सकते हैं. देश हो या विदेश, गांव हो या मेट्रो सिटी, सब एक डिजिटल धागे में बंध गए हैं. कुल मिलाकर नवरात्रि अब सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि एक अनुभव है, ऐसा जो ऑनग्राउंड भी होता है और ऑनलाइन भी.

केआर/

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