उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन की जीत के बाद विपक्ष ने परिणामों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सीधे-सीधे भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि चुनाव प्रभावित करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए।
अभिषेक का बड़ा आरोप
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा में संसदीय दल के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने वोट खरीदने के लिए हर सांसद पर 15 से 20 करोड़ रुपये तक खर्च किए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता "पैसों से भरे थैले लेकर" सांसदों को प्रभावित करने पहुंचे थे।
कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में अभिषेक ने कहा – "जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि जब अपने मताधिकार को पैसों में बेच देते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। सांसदों को खरीदा जा सकता है, लेकिन जनता को नहीं।"
विपक्ष के वोट कहाँ गए?
अभिषेक ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के सभी 41 सांसदों (28 लोकसभा और 13 राज्यसभा सदस्य) ने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में मतदान किया। उन्होंने बताया कि सुदीप बंद्योपाध्याय और सौगत रॉय जैसे वरिष्ठ नेता, स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद मतदान करने पहुंचे।
लेकिन अभिषेक ने सवाल उठाया कि जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पहले 315 सांसदों के रेड्डी के समर्थन की बात कही थी, तो आखिरकार विपक्ष के आंकड़े घटकर कैसे रह गए? उन्होंने इशारा किया कि या तो क्रॉस वोटिंग हुई है या फिर विपक्ष के कुछ वोट खारिज कर दिए गए।
आप सांसद पर सीधा इशारा
उन्होंने गुप्त मतदान की प्रकृति का ज़िक्र करते हुए कहा कि नाम लेकर किसी पर आरोप लगाना कठिन है, लेकिन कुछ विपक्षी दलों के सांसदों की भूमिका संदिग्ध है। "अगर मान भी लिया जाए कि क्रॉस वोटिंग हुई, तो यह बात किसी से छुपी नहीं है कि आप (AAP) की एक महिला सांसद खुले तौर पर भाजपा का समर्थन करती हैं और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देती रही हैं। ऐसे दो-चार सांसद विपक्ष में मौजूद हैं।"
पुराने आरोपों की याद दिलाई
अभिषेक ने भाजपा पर चुनावों में लगातार धनबल का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि— 2021 के बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा ने बड़े पैमाने पर नकदी बांटने की कोशिश की, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। 2024 में भी मतदान कर्मियों को 5,000 से 10,000 रुपये देकर प्रभावित करने की कोशिश की गई। महाराष्ट्र और झारखंड में तो विधायकों की खरीद-फरोख्त के बाद सरकारें ही बदल दी गईं।
"भाजपा की यह रणनीति नई नहीं है। जहां भी उन्हें सत्ता चाहिए, वहां पैसों के दम पर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की जाती है।" – अभिषेक
भाजपा का पलटवार
टीएमसी के आरोपों पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं। "इस उपराष्ट्रपति चुनाव ने साफ कर दिया है कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है, जबकि विपक्ष अंदर से बिखरा हुआ है। अभिषेक बनर्जी जैसे नेता सिर्फ मीडिया की सुर्खियाँ बटोरने के लिए बयानबाज़ी कर रहे हैं।"
You may also like
Petrol-Diesel Price: दिल्ली से लेकर मुंबई तक आज ये हैं दोनों ईंधनों की कीमतें
मुंबई के मानखुर्द बाल गृह से 16 वर्षीय लड़का लापता, पुलिस ने शुरू की तलाश
AIIMS Nursing Officer Recruitment Exam Admit Cards Released Today
सितंबर के दूसरे सप्ताह में OTT पर रोमांचक सामग्री
पति की जॉब गई` तो पड़े खाने-पीने के लाले फिर कार में खोला ढाबा अब रोज भरती है कई लोगों का पेट