नई दिल्ली। देश इस समय भीषण बाढ़ की चपेट में है। लगातार हो रही भारी बारिश ने पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में तबाही मचा दी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पंजाब में हालात बेहद खराब हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इन बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे और हालात का जायजा लेंगे।#WATCH | Delhi: Visuals from Old Yamuna Bridge this morning, as River Yamuna continues to flow above danger level. pic.twitter.com/GYanVEGyPa
— ANI (@ANI) September 6, 2025
पीएम मोदी हाल ही में जापान और चीन की यात्रा से लौटे हैं और उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की है। केंद्र सरकार लगातार प्रभावित राज्यों को राहत और बचाव कार्यों में सहयोग दे रही है। एनडीआरएफ, सेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हैं।
पंजाब में तबाही का मंजर
पंजाब इस बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में है। राज्य के 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और लगभग 1900 से अधिक गांव पूरी तरह डूब चुके हैं। अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है जबकि तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। डेढ़ लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों पर गहरा संकट मंडरा रहा है। अमृतसर, बठिंडा, बरनाला, गुरदासपुर, लुधियाना और पठानकोट जैसे जिलों में मौतों और नुकसान की पुष्टि हुई है।`
दिल्ली में यमुना ने बिगाड़े हालात#WATCH | Delhi: River Yamuna continues to flow above danger level, parts of the city continue to face a flood-like situation. Visuals from Mayur Vihar area.
— ANI (@ANI) September 6, 2025
(Drone visuals shot at 6.40 am) pic.twitter.com/FOwi6SguM9
दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 2 मीटर ऊपर बह रही है। इसका जलस्तर 207 मीटर से ऊपर पहुंच गया है, जिसके कारण कई निचले इलाके पूरी तरह डूब गए हैं। हैरानी की बात है कि यमुना का पानी दिल्ली सचिवालय तक पहुंच चुका है। जहां-जहां राहत शिविर बनाए गए थे, वहां भी अब पानी घुस चुका है। सरकार लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की कोशिश कर रही है, लेकिन हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं।
उत्तर भारत में आपदा
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी भारी बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचाई है। कई सड़कें बंद हो गई हैं और गांवों का संपर्क टूट गया है। जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू का दौरा कर वहां की स्थिति का जायजा लिया था और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी।
राहत और बचाव कार्य तेज
एम्स दिल्ली ने विशेष चिकित्सा दल पंजाब और उत्तर भारत के प्रभावित क्षेत्रों में भेजा है। सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन चौबीसों घंटे राहत कार्यों में जुटे हैं। सरकार ने साफ किया है कि हर संभव मदद दी जाएगी और पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चलेंगे।
बाढ़ प्रभावित राज्यों में हालात अभी भी गंभीर हैं और आने वाले दिनों में केंद्र और राज्य सरकार की सबसे बड़ी चुनौती लाखों प्रभावित लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास होगी।
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