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INDIA गठबंधन में उठे सवाल, कौन है उद्धव गुट का वह सांसद जिस पर क्रॉस-वोटिंग का शक?

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उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के बाद विपक्षी खेमे में हलचल तेज हो गई है। उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी को जितने समर्थन की उम्मीद थी, उतना साथ नहीं मिला। यही नहीं, 15 से अधिक वोट अमान्य घोषित होने से माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया। इस पूरे घटनाक्रम ने विपक्ष की एकजुटता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि वोटों को जानबूझकर अवैध ठहराया गया। यह वाकया राजनीतिक गलियारों को उस पुराने किस्से की याद दिलाता है जब हरियाणा विधानसभा के कुछ विधायकों ने "ग़लत पेन" का इस्तेमाल कर अपने ही उम्मीदवार को हराने के लिए वोट को अमान्य करवा दिया था।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया। इसमें दावा किया गया है कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के एक सांसद पर शक जताया जा रहा है कि उन्होंने ही वोट अमान्य कराया। चर्चा तो यहां तक है कि यह सांसद जल्द ही एनडीए के पाले में जाने वाले हैं।

इस बीच, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विपक्षी दलों से क्रॉस-वोटिंग की गंभीर जांच की मांग उठाई। उन्होंने कहा, “अगर वाकई ऐसा हुआ है, तो INDIA गठबंधन के हर घटक दल को इसे बेहद गंभीरता से लेना चाहिए। क्रॉस-वोटिंग लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है। अगर सार्वजनिक चर्चाओं में जो बातें सामने आ रही हैं उनमें ज़रा भी सच्चाई है, तो इसकी व्यवस्थित और गहन जांच ज़रूरी है।”

वहीं कांग्रेस के एक और नेता, सभा मणिकम टैगोर, जो इस चुनाव में विपक्ष के बूथ एजेंट थे, उन्होंने भी इस मामले पर अफसोस जताया। टैगोर ने कहा, “हमारे कुल 15 वोट अमान्य करार दिए गए। किसी ने निशान गलत जगह लगा दिया, किसी ने किसी और कॉलम में ‘1’ लिख दिया। अलग-अलग कारणों से वोट रद्द हो गए और यह विपक्ष के लिए बेहद दुखद स्थिति है। यही इस चुनाव की सबसे बड़ी कहानी है।”



आंकड़ों पर नजर डालें तो विपक्ष को उम्मीद थी कि उन्हें कम से कम 315 वोट मिलेंगे। लेकिन नतीजे आए तो कुल 300 वोट ही विपक्षी उम्मीदवार के खाते में दर्ज हुए। यहीं से INDIA ब्लॉक की मजबूती और एकजुटता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

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